जब अमेरिका के लिटिल बॉय ने हिरोशिमा पर बरपाया था कहर.. पल भर में भांप बनकर उड़ गए थे एक लाख 40 हजार से अधिक लोग..

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नई दिल्ली। अब से 75 साल पहले आज ही के दिन (6 अगस्त 1945) को अमेरिकी वायु सेना ने जापान के हिरोशिमा शहर पर परमाणु बम गिराया था। इसका नाम लिटिल बॉय था। हिरोशिमा पर गिराए गए इस परमाणु बम से 20,000 से अधिक सैनिक समेत 1 लाख 40 हजार सामान्य नागरिक मारे गए थे। यहां पर ये बम 6 अगस्त 1945 की सुबह अमेरिकी वायु सेना ने गिराया था।

महज 43 सेकंड में नष्ट हो गया था शहर का 80 फीसदी हिस्सा

6 अगस्त, 1945 को हिरोशिमा पर यूरेनियम वाला पहला परमाणु बम गिरा कर ट्रूमैन ने जता दिया कि वे जापान का कैसा विध्वंस चाहते हैं। सुबह आठ बज कर 16 मिनट पर जमीन से 600 मीटर ऊपर बम फूटा और 43 सेकंड के भीतर शहर के केंद्रीय हिस्से का 80 फीसदी नेस्तनाबूद हो गया। 10 लाख सेल्शियस तापमान वाला आग का एक गोला तेज़ी से फैला, जिसने 10 किलोमीटर के दायरे में आई हर चीज को राख कर दिया। शहर के 76,000 घरों में से 70,000 तहस-नहस या क्षतिग्रस्त हो गए। 70,000 से 80,000 लोग तुरंत मर गए।

अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी एस ट्रूमैन ने अटलांटिक महासागर में आगस्ता जहाजी बेड़े से की गई अपनी घोषणा में इस बम को 20 हजार टन की क्षमता का बताया था। हिरोशिमा जापानी सेना को रसद की आपूर्ति करने वाले कई केंद्रों में से एक था।

हिरोशिमा पर किया गया हमला दरअसल जापानी नौसेना द्वारा 8 दिसंबर 1941 को अमेरिका के नौसैनिक बेस पर्ल हार्बर पर हुए हमले का बदला था। पर्ल हॉर्बर के हमले के बाद अमेरिका ने दूसरे विश्‍व युद्ध का एलान कर दिया था और वो जापान के खिलाफ पूरी ताकत के साथ युद्ध के मैदान में उतर गया था।

16 जुलाई को अमेरिका ने जिस परमाणु परीक्षण में सफलता हासिल की थी उससे अमेरिकी राष्‍ट्रपति काफी उत्‍साहित थी। हिरोशिमा पर बम गिराने का आदेश अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रूमैन ने फिलीपींस सागर में स्थित तिनियान द्वीप पर तैनात अमेरिका की प्रशांत महासागरीय वायुसेना के मुख्य कमांडर को पोट्सडाम से 25 जुलाई को दिया था।

इस बम को 3 अगस्‍त को गिराया जाना था लेकिन कुछ दिक्‍कतों की वजह से ऐसा नहीं हो सका था। अमेरिका ने पहले से ही जापान के ऊपर दो बम गिराने की योजना बना ली थी। इनमें से दूसरे बम फैट मैन को जापान के दूसरे शहर पर गिराया जाना था।

लिटिल ब्‍वॉय जहां एक यूरेनियम बम था वहीं फैटमैन एक प्‍लूटोनियम बम था। इसे ट्रिनिटीपरीक्षण के दो सप्ताह बाद तैयार कर लिया गया था। जापान ने बम गिराने के लिए जिन चार शहरों की सूची तैयार की थी उसमें हिरोशिमा के अलावा कोकूरा, क्योतो और निईगाता का नाम शामिल थे।

नागासाकी अमेरिका के निशाने पर नहीं था। लेकिन अमेरिका के तत्कालीन युद्धमंत्री स्टिम्सन के कहने पर जापान की पुरानी राजधानी क्योतो का नाम संभावित शहरों की सूची से हटा कर उसकी जगह नागासाकी का नाम शामिल कर लिया गया।