हमें अपनी संस्कृति का सम्मान करना चाहिए, जापान ने भी रामायण से ली थी प्रेरणा: एसएन स्वामी

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बिलासपुर 25 मई, 2019। हिन्दुस्तान की संस्कृति का हम सबको सम्मान करना चाहिए। दूसरे अन्य देश भी हमारी संस्कृति का ब b an हुत सम्मान करते हैं। जापान के हिरोशिमा नागासाकी के ध्वस्त होने पर केवल एक सप्ताह में जापान ने उनकी पुनर्स्थापना की, यह प्रेरणा उन्होंने रामायण से रामसेतु निर्माण की घटना से ली। इसलिए हमें प्रतिदिन रात्रि सोने से पूर्व रामायण, महाभारत को पढ़ना चाहिए, ऐसा आवाहन भी किया। भारत को पुण्यभूमि कहा जाता है, यह एक मिसाल है, जबकि अन्य देश अपने देश को केवल उसी नाम से ही पुकारते हैं। ये बात प्रतिष्ठित आर्किटेक्ट एस. एन. स्वामी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ शिक्षा वर्ग के शुभारंभ अवसर पर कही।

दरअसल छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी बिलासपुर के सरस्वती शिशु मन्दिर, कोनी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का संघ शिक्षा वर्ग, द्वितीय वर्ष (सामान्य)का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि के रूप में फेमस आर्किटेक्ट एसएन स्वामी उपस्थित थे।

इस उद्घाटन समारोह के मुख्यवक्ता संघ के मध्यक्षेत्र के क्षेत्र संघचालक मा. अशोक जी सोहनी थे।

द्वितीय वर्ष के शिक्षार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए माननीय क्षेत्र संघचालक अशोक जी ने कहा कि, यह वर्ग केन्द्र की रचना अनुसार है। इस वर्ग में स्वयंसेवकों में सहजीवन की आदत बनती है। यहां हम आराम से रहने के लिए नहीं अपितु हम तप (साधना) करने के लिए आए हैं। यहां से हम क्या सीखकर जाएंगे, यह परिभाषित करना कठिन है। यहां स्वयं को सीखना भी है और अन्यों को सिखाना भी है। संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी युगदृष्टा थे, दूर तक सोचनेवाले थे। हमारा वैचारिक अधिष्ठान परिपक्व होना चाहिए और संकल्पित शक्ति भी दृढ़ होना चाहिए। हिन्दू धर्म, हिन्दू संस्कृति तथा हिन्दू समाज के संरक्षण के लिए मैं संघ का स्वयंसेवक बना हूँ। जैसा व्यक्ति हम बनाना चाहते हैं वैसा स्वयं का उदाहरण प्रस्तुत करना है। समय देकर संघ कार्य करना है। प्रवास करना है। दुनिया में संघ ही है, जिसमें प्रवास की कल्पना है। लगभग 40 देशों में संघ का कार्य चलता है।समाज जागरण करना आज की आवश्यकता है।

इस संघ शिक्षा वर्ग, द्वितीय वर्ष में मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ प्रदेश के संघ की रचना अनुसार मालवा, मध्यभारत, महाकौशल और छत्तीसगढ़ ऐसे चार प्रान्तों से 273 शिक्षार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, जिन्होंने आने-जाने और वर्ग के शुल्क का व्यय स्वयं किया हैं। यह वर्ग पूर्ण आवासीय है, जो 20 दिन तक चलेगा। इस वर्ग में सर्वाधिकारी के रूप में बिलासपुर के प्रतिष्ठित अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. विनोद जी तिवारी है, वर्ग के कार्यवाह नवल किशोर भदौरिया है तथा वर्ग के पालक क्षेत्र प्रचारक दीपक विसपुते है।

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