पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में दो नए प्रोफेशनल कोर्स होंगे शुरू, बाकी नए कोर्सेस के प्रस्ताव फाइलों में अटके, कोआर्डिनेशन कमेटी की लेनी होगी अनुमति..

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04 जून 2019, रायपुर। पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय अपने परम्परागत कोर्सेस से नहीं उबर पा रहा है। दो साल की मजबूत प्लानिंग के बाद भी इस साल सिर्फ दो ही नये प्रोफेशनल कोर्स शुरू हो पाएंगे। इनमें पीजी डिप्लोमा इन रिमोट सेंसिंग एंड जीआइएस और पीजी डिप्लोमा इन एप्लाइड हाइड्रो जियोलॉजी शामिल है। इसके अलावा एम इन एजुकेशन, मैथ्स मेटिकल इकोनॉमिक्स, डिप्लोमा इन चाइल्ड गाईडेंस एंड काउंसिलिंग, एमफिल क्लीनिकल जैसे कोर्स के प्रस्ताव फाइलों में अटके हुए हैं। इसकी वजह कोर्स के लिए राज्य समन्वयक समिति से अध्यादेश पारित न होना और विभाग को चलाने के लिए पर्याप्त शिक्षकों की कमी बताई जा रही है। 15 जून के बाद विवि के अध्ययनशालाओं में नये और पुराने सभी कोर्सेस में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी ।

ये दो नए कोर्स खुलेंगे

  • रविवि के भू- जल विज्ञान अध्ययनशाला में एक वर्षीय पीजी डिप्लोमा इन रिमोट सेंसिंग एंड जीआइएस कोर्स 10 सीट के लिए इसी साल से चलेगा।
  • रविवि ने यह कोर्स छत्तीसगढ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के सहयोग से खोला है।
  • रविवि और छत्तीसगढ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के बीच में एमओयू हो हुआ है।
  • वहीं भू-जल अध्ययनशाला में पीजी डिप्लोमा इन एप्लाइड हाइड्रो जियोलॉजी में भी डिप्लोमा शुरू होगा।
  • सेंट्रल ग्राउंड वॉटर बोर्ड के साथ मिलकर यह कोर्स संचालित किया जाएगा।
  • इसका भी एमओयू हो चुका है।

कोर्स के फायदे

  • जीआईएस में डिप्लोमा करके विद्यार्थी जहां एग्रीकल्चर एरिया मैपिंग, टूरिस्ट साइट मैनेजमेंट एंड प्लानिंग, भौगोलिक नक्शे का निर्माण, टाउन प्लानिंग, फॉरेस्ट डेवलपमेंट, नेचुरल रिसोर्स मैनेजमेंट,वेस्ट लैंड मैपिंग आदि कर सकेंगे।
  • वहीं पीजी डिप्लोमा इन एप्लाइड हाइड्रो जियोलॉजी में ग्राउंड वाटर पर विशेषज्ञता हासिल कर सकेंगे।

एमए एजुकेशन में कोआर्डिनेशन कमेटी का रोड़ा

  • रविवि ने पिछले साल ही पहली बार रविवि ने एमए एजुकेशन के लिए पाठ्यक्रम शुरू किया था।
  • लेकिन इसके लिए प्रचार-प्रसार नहीं होने के कारण सिर्फ एक छात्र ने ही कोर्स करने के लिए दिलचस्पी दिखाई है।
  • बाद में इस कोर्स को लेकर कोआर्डीनेशन कमेटी में भी आपत्ति हो गई।
  • विभाग इस कोर्स को चलाने के लिए तैयार है लेकिन विवि इस कोर्स को इस साल भी खोल पाएगा या नहीं इसको लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
  • विभाग का कहना है कि कोआर्डीनेशन कमेटी से कोर्स पास होने पर ही लागू किया जा सकेगा।
  • फिलहाल दस दिन का विभाग के पास समय है।

साइकोलॉजी में कई डिप्लोमा अटके

  • रविवि के मनोविज्ञान विभाग के अध्ययनशाला में दिव्यांगता अध्ययनशाला समेत कई महत्वपूर्ण डिप्लोमा अभी तक अटके हुए हैं।
  • विभाग में डिप्लोमा इन चाइल्ड गाईडेंस एंड काउंसिलिंग, एमफिल क्लीनिकल साइकोलॉजी कोर्स को लेकर फिलहाल सहमति नहीं बन पाई है।
  • मनोविज्ञान विभाग में पीजी डिप्लोमा इन रिहैबिटेशन साइकोलॉजी में 10 सीटों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
  • इसी तरह मानव विज्ञान अध्ययनशाला के अंतर्गत रिजनल प्लानिंग एवं डेवलपमेंट के लिए 10 सीट में आवेदन कर सकेंगे।

अक्षय ऊर्जा में डिग्री-डिप्लोमा

  • रविवि के इलेक्ट्रानिक्स विभाग में अक्षय ऊर्जा के लिए डिग्री-डिप्लोमा कोर्स है।
  • इस विभाग में सौर, पवन, बायोमॉस, भूतापीय और अन्य अक्षय ऊर्जाओं के सोर्सेस और उनके उत्पादन के बारे में पढ़ाई होती है।
  • कोर्स में नवीनता एवं औद्योगिक स्तर कायम रखने के लिये संस्थान ने के्रडा एवं पावर सेक्टर स्किल कौंसिल के साथ एमओयू भी किया है।
  • अक्षय ऊर्जा के कोर्स में दाखिला लेने के लिए विद्यार्थी को साइंस स्ट्रीम में 55 प्रतिशत अंक से साथ पास होना जरूरी है।
  • कॉमन एंट्रेस टेस्ट के बाद जो मेरिट सूची बनेगी उसके आधार पर दाखिला दिया जाएगा।

अर्थशास्त्र में मैथ्स मेटिकल इकोनॉमिक्स

  • मैथ्स मेटिकल इकोनॉमिक्स में विद्यार्थियों का बैकग्राउंड का मैथ्स का होना चाहिए।
  • इसके लिए शिक्षकों की व्यवस्था भी करनी होगी।
  • लिहाजा यह प्रस्ताव फिलहाल अटका हुआ है।

वहीं पं. रविवि के कुलपति डॉ. केशरीलाल वर्मा का कहना है की कुछ कोर्स शुरू हो रहे हैं। जो शुरू नहीं हो पाए हैं, उन्हें देखना पड़ेगा कि मामला कहां अटका है। कुछ कोर्सेस के लिए कोआर्डिनेशन कमेटी की अनुमति लेनी है।

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