13 जून 2019, दंतेवाड़ा। दंतेवाड़ा। देव पहाड़ी नंदराज को बचाने के लिए सरकार से संघर्ष कर रहे आदिवासियों का आंदोलन आज 7वें दिन खत्म हो गया। दो दिन पहले बस्तर के प्रतिनिधि मंडल ने सांसद दीपक बैज के नेतृत्व में सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की थी। इस दौरान सीएम ने फर्जी ग्राम सभाओं की जांच और पड़ों की कटाई पर रोक के निर्देश दिए थे। सरकार द्वारा उनकी मांगें मानने के बाद सरपंच संघ समीति के सदस्यों ने आंदोलन खत्म करने का निर्णय लिया गया।
- इसके बाद भी आदिवासी इस बात को लेकर धरने पर बैठे हुए थे कि ग्राम सभाओं की जांच के लिए तय की गई समय सीमा कम की जाए।
- बुधवार को जिला प्रशासन की ओर से आंदोलन को खत्म करने का अल्टीमेटम जारी किया गया था।
- इसके बाद गुरुवार की दोपहर आदिवासियों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया।
- आंदोलन समाप्त होने के बाद प्रशासन की ओर से आदिवासियों को वापस उनके घर भेजने के लिए वाहन की व्यवस्था भी की गई।
- दंतेवाड़ा में बैलाडिला की पहाड़ी पर स्थित नंदराज पर्वत को स्थानीय आदिवासी अपना देव स्थल मानते हैं।
- लौह अयस्क से भरे इस क्षेत्र में एनएमडीसी ने अदानी गु्रप को खनन ठेकेदार के रूप में लाइसेंस प्रदान किया था।
- इसके बाद आदिवासी लामबंद होकर आंदोलन की राह पर निकल पड़े थे।
- सातवें दिन आदिवासियों का यह आंदोलन समाप्त हुआ।
- कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने कहा कि उनकी सरकार उद्योगपतियों नहीं, बल्कि आदिवासियों के साथ हर मोर्चे पर खड़ी है।
NMDC में शुरू होगा उत्पादन
- ग्राम सभा की जांच की समय सीमा 15 दिन तय करने के बाद संघर्ष समिति में आंदोलन समाप्त करने के लिए आम राय बनी।
- इसके बाद आंदोलन समाप्त करने का निर्णय हुआ।
- 7 जून से जारी आंदोलन समाप्त होने के बाद आज से एनएमडीसी में लौह अयस्क उत्पादन फिर से शुरू हो गया।
- आंदोलन के चलते उत्पादन ठप था।