सांसद तो कई हुए मगर क्यों लोगों के दिल मे जिंदा है छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद मीनाक्षी यानि मिनीमाता…पढ़िए यह खबर

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रायपुर: आज मिनीमाता की 48 वी पुण्यतिथि है। छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद मिनीमाता ने समाज के हित में बेहतरीन और सकारात्मक कार्य किये हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं मिनीमाता के बारे में। छत्तीसगढ़ में कृषि तथा सिंचाई के लिए हसदेव बांध परियोजना भी उन्हीं की दूर-दृष्टि का परिणाम है। भिलाई इस्पात संयंत्र में स्थानीय निवासियों को रोजगार और औद्योगिक प्रशिक्षण के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में आज भी उन्हें याद किया जाता है। हम सब ऐसे व्यक्तित्व पर गर्व करते हैं।

1 – मिनीमाता का जन्म 1913 में असम के नगांव जिले में हुआ था। बचपन में उनके परिजन उन्हें मिनाक्षी नाम से पुकारते थे।
2 – मिनीमाता को छत्तीसगढ़ की पहली महिला सांसद थीं। वे वर्ष 1952, 1957, 1962, 1967 और 1971 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर सांसद चुनी गई थीं।
3 – मिनीमाता बतौर सांसद जब वे दिल्ली में रहती थीं तो उनका वास स्थान एक धर्मशाला जैसा था। उन्हें छत्तीसगढ़ी के साथ हिंदी और अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान था।
4 – समाज में पिछड़ापन और छुआछूत जैसी तमाम कुरीतियों को दूर करने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
5 – संसद में अस्पृश्यता बिल को पास कराने में मिनीमाता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
6 – बाल विवाह, दहेज प्रथा, गरीबी और अशिक्षा दूर करने के लिए भी मिनीमाता लगातार आवाज उठाती रहीं।
7 – सामान्य और मध्मवर्गीय परिवार से होने के कारण छत्तीसगढ़ की जनता का मिनीमाता से सीधा जुड़ाव था। इसी वजह से प्रदेश की जनता उन्हें राजमाता जैसा सम्मान देती थी।
8 – छत्तीसगढ़ के लोग मिनीमाता से इतना प्यार करते हैं कि आज भी प्रदेश सरकार उनके सम्मान में हर वर्ष महिलाओं के विकास के क्षेत्र में काम करने वालों को मिनीमाता सम्मान देती है।

9 – छत्तीसगढ़ का विधानसभा भवन भी उनके नाम पर ही बना है।

10- 11 अगस्त 1972 को एक विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई