तात्कालीन कलेक्टर IAS शिखा राजपूत तिवारी का बेमेतरा जिले में शिक्षा के स्तर सुधारने में रहा बड़ा योगदान.. अजोर अभियान के तहत बेमेतरा में फैला शिक्षा का उजाला..

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बेमेतरा। दसवीं-बारहवीं की परिणाम घोषित होने के बाद से हर कोई अपना-अपना श्रेय लेने में लगा हुआ है लेकिन वास्तविक कुछ और है। बेमेतरा जिले में शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए अंजोर योजना की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

आपको बता दें कि जब बीते साल बेमेतरा जिले के परीक्षा परिणाम आए तो जिले का रिजल्ट काफी निराशाजनक रहा बेमेतरा जिला 27वें पायदान पर था। जिसके बाद यहां की शिक्षा पद्धति पर सवालिया निशान खड़े हो गए थे, हमेशा शिक्षा में अपना परचम लहराने वाले बेमेतरा आखिर कैसे 27वें पायदान पर पहुंच गए। जिसकी समीक्षा भी जरूरी थी और साथ ही प्रशासन के ऊपर जिम्मेदारी भी थी। आखिर कैसे यहां शिक्षा के स्तर को सुधारा जाए और बेहतर परिणाम लाया जा सकें।

जिसके बाद शिक्षा में सुधार करने एक अनोखी पहल तात्कालीन कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने की थी, जिनका परिणाम रहा कि इस वर्ष बोर्ड की परीक्षाओं में बेमेतरा जिले के परिणाम में बढ़ोतरी हुई। साथ ही दसवीं में दूसरे नंबर पर भी बेमेतरा जिले की छात्रा रहीं।

अंजोर कार्यक्रम के तहत में IAS शिखा राजपूत तिवारी ने शिक्षा विभाग से मिलकर शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए अभियान चलाया था। अभियान के तहत कलेक्टर ने जिले भर के सभी प्राइमरी स्कूल से लेकर हाई स्कूल तक की सूची मंगाई गई। जिसमें समीक्षा करने के बाद स्कूलों में आने वाली परेशानियों और परिणामों में कमी के विषय पर समीक्षा किया गया।

कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी ने बेमेतरा जिले में अंजोर कार्यक्रम चलाया और परिणाम यही रहा कि इस वर्ष परीक्षा के परिणाम में 15% बढ़ोतरी हुई। साथ ही दसवीं के टॉप में भी बेमेतरा की छात्रा ने बाजी मारी। वहीं इस सफलता में बेमेतरा डिप्टी कलेक्टर संदीप ठाकुर और शिक्षा विभाग के बेमेतरा जिला शिक्षा अधिकारी सीएस ध्रुव का खास योगदान रहा। शिक्षा के क्षेत्र में बेमेतरा जिले का नाम रोशन होने के बाद में जिले के बच्चे और पालक पूर्व कलेक्टर शिखा राजपूत तिवारी को धन्यवाद दे रहे हैं।