दुर्ग, 25 जून 2019। पाटन ब्लाक के मर्रा गांव के नवप्रवेशी बच्चों के शाला का पहला दिन जीवन भर का अविस्मरणीय अनुभव रहेगा। उनके सीनियर और अब प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तिलक लगाकर उनका स्वागत करेंगे। वे बच्चों के साथ ही मध्याह्न भोजन भी करेंगे और स्कूल में एक कंप्यूटर लैब का उद्घाटन करेंगे। इस मौके पर वे स्कूल के पूर्व शिक्षक एवं मुख्यमंत्री के सहपाठी भी कार्यक्रम में शामिल होंगे।
- मुख्यमंत्री ने अपने गृह ग्राम बेलौदी में 1967 से 1971 तक प्राइमरी स्कूल में पढ़ाई की थी।
- इसके बाद वे छठवीं से मैट्रिक तक मर्रा स्कूल में पढ़े।
- उस दौर में उनको गणित पढ़ाने वाले सेवानिवृत्त शिक्षक हीरा ठाकुर याद करते हैं कि पढ़ाई को लेकर उनमें काफी लगन थी।
- उस समय हर कक्षा में लगभग 100 विद्यार्थी होते थे इसलिए सबकी शंकाओं का समाधान क्लास में नहीं हो पाता था।
- मैंने बच्चों से कहा था कि जिन्हें शंका है वे रोज सुबह-सुबह आकर एक्सट्रा क्लास अटेंड कर लें।
- इन छात्रों में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी शामिल थे।
- वे सुबह-सुबह चार किमी तक कभी साइकिल से आते और कभी बरसात की वजह से पैदल आते क्योंकि पगडंडी रास्ता था और काफी खराब हो जाता था।
- फिर बेलौदी लौटते और फिर साढ़े दस बजे स्कूल के समय में पहुंच जाते।
- इस प्रकार सोलह किमी रोज उन्हें साइकिल से अथवा पैदल तय करना होता।
- ठाकुर सर ने बताया कि मुख्यमंत्री ने यहां ग्यारहवीं तक पढ़ाई की और इसके बाद भी उनसे सतत् संपर्क बना रहा।
- जब भी वे अपने गृह ग्राम बेलौदी अथवा कुरूदडीह जाते, अवसर मिलने पर मिलने आते और चाय के लिए कहते।
- लंबी चर्चा होती और अंचल के विकास के बारे में, खेती किसानी के बारे में और बच्चों की शिक्षा के विषय में बात होती।
- उनकी इस तरह की सक्रियता और खुलापन मुझे बहुत अच्छा लगता। मुझे गौरव है कि मेरा पढ़ाया हुआ छात्र आज प्रदेश का मुख्यमंत्री है।
- मुख्यमंत्री जिस दौर में पढ़ाई कर रहे थे, उस समय हाई स्कूल केवल मर्रा, पाटन, अर्जुंदा जैसी जगहों में था और कई बार यह होता था कि लंबी दूरी तय करने से बचने कुछ छात्र पढ़ाई के प्रति अनिच्छा दिखा देते थे।
- उस समय जो संघर्ष किया, गुरुजनों का सम्मान किया, उनकी बातें याद रखीं, वे उनके आगामी संघर्ष के लिए पथप्रदर्शक हुए और अभी जब वो प्रदेश की लाखों जनता के लिए इतना अच्छा कार्य कर रहे हैं तो मुझे बहुत खुशी मिलती है।