रायपुर 10 जून, 2019। छत्तीसगढ़ में संविदा कर्मचारी एक बार फिर आंदोलन के मूड में है। इस बार वे अपनी मांगों के लेकर नहीं ब्लकि सरकार के फरमान से नाराज है। दरअसल संविदा कर्मियों से अपील का अधिकार छीने जाने के खिलाफ कर्मचारी लामबंद होने लगे हैं। इस मामले में कर्मचारी कई बार सरकार को ज्ञापन सौंप चुके है। बावजूद उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इसलिए कर्मचारी अब आंदोलन की तैयारी में हैं। तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने 16 जून को राजधानी में प्रदेश स्तरीय धरना का भी ऐलान कर दिया है। कर्मचारी नेता कह रहे हैं कि सरकार नहीं मानी तो उग्र आंदोलन भी करेंगे।
- तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश प्रवक्ता विजय झा ने कहा मध्यप्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार है।
- सरकार ने संविदा वालों को 62 वर्ष तक नहीं हटाने की घोषणा कर दी है।
- साथ ही नियमित पदों के विस्र्द्ध रखे गए संविदा कर्मियों को नहीं हटाने के साथ ही उन्हें पद रिक्त होने पर नियमित करने का भी आदेश सरकार ने जारी कर दिया है।
- यहां छत्तीसगढ़ सरकार उल्टे अपील का अधिकार छीन लिया गया है।
- सरकार की कर्मचारी विरोधी इस नीति के खिलाफ प्रदेशभर के कर्मचारी 16 जून को राजधानी में एकत्र होकर विरोध करेंगे।
2012 में बने नियम में है प्रावधान
- सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के अफसरों की माने तो यह कोई नया नियम नहीं है बल्कि संविदा नियुक्ति नियम 2012 में यह प्रावधान पहले से है।
- विभाग ने कहा कि नियमानुसार समय से पहले संविदा अवधि खत्म किए जाने या संविदा अवधि नहीं बढ़ाए जाने के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती।
- भ्रम की वजह से कई विभागों में संविदा कर्मियों की ऐसी अपील स्वीकार कर ली जाती है। इसी वजह से यह स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा है।
आईएएस को दी गई दो वर्ष की संविदा नियुक्ति
- कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि राज्य सरकार एक तरफ संविदा वालों को नौकरी से बाहर कर रही है, दूसरी तरफ आईएएस अफसरों को संविदा नियुक्ति दे रही है।
- हाल ही में सरकार ने एक आईएएस अफसर को सीधे 2 वर्ष की संविदा नियुक्ति दी है।
- कर्मचारियों का कहना है कि सरकार स्पष्ट करना चाहिए कि वह यह दोपहरा मापदंड क्यों अपना रही है।
- सरकार को यदि राज्य में संविदा नियुक्ति खत्म करना है तो सभी स्तर पर खत्म करे।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पिछले कुछ दिनों पहले संविदा कर्मियों के लिए एक आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया कि छत्तीसगढ़ सरकार के विभिन्न विभागों में संविदा पर नियुक्त अधिकारियों व कर्मचारियों की संविदा नियुक्ति को समाप्त किए जाने या संविदा नियुक्ति की अवधि में वृद्धि न किए जाने पर अब कोई अपील नहीं होगी। शासन द्वारा संबंधित व्यक्ति की अपील पर कोई विचार भी नहीं किया जाएगा।