बच्चों को सहज तरीके से कैसे पढ़ाया जाएं इसके लिए टीचर्स और वालंटियर्स को दिया जारहा ट्रेनिंग..

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धमतरी@ नारद साहू। बेलर प्रायोगिक प्राथमिक शाला नगरी (अंग्रेजी माध्यम) संकुल केंद्र नगरी (ब) में एक दिवसीय सिख कार्यक्रम का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। जिसमें दो पाली में सभी शिक्षकों और वालंटियर्स को सीख कार्यक्रम के उद्देश्य से ट्रेनिंग दे रहे है। इस कार्यक्रम में पालक, शिक्षक एवं वालंटियर्स की भूमिका से परिचित कराया गया। मास्टर ट्रेनर अनूप ध्रुव ने सिख कार्यक्रम को कैसे प्रभावी बनाये जिससे बच्चों सहज तरीके से अध्ययन-अध्यापन कर सके इस पर प्रकाश डाला।

वर्तमान में कोविड 19 के विकराल समस्या के कारण वैश्विक स्तर पर लोगों का सामाजिक जीवन प्रभावित हुआ है जिससे हमारा देश और राज्य भी अछूता नही है। इसका सबसे अधिक खामियाज़ा जो भुगत रहे है वे ही विद्यार्थी। वर्तमान में सभी शासकीय अशासकीय शालाएं बंद। प्राइवेट स्कूल के बच्चे तो ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई से जुड़ पा रहे है पर शासकीय शालाओं के बच्चे परिस्थिति अनुसार इन ऑनलाइन माध्यमो से जुड़ने में कई सारे कारणों से समस्या महसूस कर रहे है। जिसमे स्मार्ट फोन की उप्लब्धताऔर इंटरनेट का न होना मुख्य है।

इस समस्या  को देखते हुए दूरस्थ एवं जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर है वहां के बच्चों के लिए जिला प्रशासन और यूनिसेफ के सामूहिक प्रयास से सीख कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमे हर सप्ताह यूनिसेफ की राज्य स्तरीय टीम तीन दिन प्राइमरी स्तर के बच्चों के लिए बालसुलभ गतिविधियों के ऑडियो वीडियो मटेरियल साझा करते है जिसे ऑनलाइन या offline माध्यमो से उन बच्चों की लिए भेजा जाता है।

इन गतिविधियों को बच्चो को कराने के लिए जिले में ब्लॉक स्तर पर हर स्कूल को दर्ज संख्या को देखते हुए हर 10 बच्चो के पीछे 1 वालंटियर बनाये गए है जो उसी मुहल्ले या गांव के युवा पढ़े लिखे बच्चे या पालक है जो स्वेच्छा से बच्चों तक इन गतिविधियों को पहुचाते है।कार्यशाला के अंत मे सारे वालंटियर्स को उनके सेवाभावी व्यवहार के लिए धन्यवाद भी दिया गया। प्रशिक्षण में सभी शिक्षकों और वालंटियर्स ने उत्साह के साथ भाग लिया जिसमे बहुत सारे वालंटियर्स ने अपने इस काम से जुड़े खट्टे मीठे अनुभव साझा किए।