स्वाइन फ्लू: कलेक्टर ने ली सभी डॉक्टरों की मीटिंग, बोले- पैसे के अभाव में न रोके किसी का ईलाज, जिले के इन 8 शासकीय और निजी अस्पतालों में होगा स्वाइन फ्लू का ईलाज

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22 जनवरी 2019 दुर्ग@ मनोज कुमार साहू। जिले में स्वाईन फ्लू के रोकथाम एवं समुचित उपचार के लिए जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से गंभीर है। जिले में स्वाईन फ्लू के संदिग्ध मरीज पाये जाने पर उसकी जांच, परीक्षण एवं उपचार की व्यवस्था के लिए रणनीति तैयार की गई है। साथ ही साथ जल्द से जल्द स्वाईन फ्लू को पूरी तरह से रोकथाम कर इसके संक्रमण को फैलने के लिए पूर्व रोकथाम, बचाव व नियंत्रण की व्यवस्था बनाई गई है। जिले में 8 शासकीय एवं निजी अस्पतालों को चिन्हांकित किया गया है, जहां स्वाईन फ्लू के मरीज की जांच के साथ ही उपचार की व्यवस्था के लिए आईश्सोलेशन, 10 बिस्तर आरक्षित रखने का कार्य किया जा रहा है। जनमानस में स्वाईन फ्लू के सुरक्षित बचाव की तरीके के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं नगर निगम के मैदानी अमला के कर्मचारी लोगों को जागरूक करेंगे।

कलेक्टर ने बैठक लेकर दिए दिशा-निर्देश
– कलेक्टर उमेश कुमार अग्रवाल ने आज स्वास्थ्य विभाग की बैठक लेकर स्वाईन फ्लू की रोकथाम एवं उपचार के लिए चिकित्सकों से चर्चा कर रणनीति एवं कार्ययोजना निर्धारित किया है।
– कलेक्टर अग्रवाल ने शासकीय जिला अस्पताल के चिकित्सकों के साथ ही निजी अस्पतालों के संचालकों की बैठक लेकर आवश्यक चर्चा एवं विचार-विमर्श किया।
– डाॅक्टरों की सलाह एवं परामर्श के आधार पर विशेष कार्ययोजना निर्धारित किया गया है।
– संदिग्ध मरीजों के उपचार के लिए जिला अस्पताल में कंट्रोल रूम बनाया गया है।
– किसी भी अस्पताल में संदिग्ध मरीज आने पर उसकी जांच की जाएगी।
– जांच में पाॅजीटिव पाए जाने पर इसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को दी जाएगी।
– साथ ही साथ उसके उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती करने की व्यवस्था भी की जाएगी।

अब न हो कोई आकस्मिक घटना
– कलेक्टर अग्रवाल ने चिकित्सकों से कहा है कि जिले में स्वाईन फ्लू को लेकर किसी भी प्रकार की गंभीर स्थिति निर्मित ना हो, इसके लिए संक्रमण फैलने के पूर्व रोकथाम, बचाव व नियंत्रण की पूरी जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग गंभीर होकर सुनिश्चित करें।
– उन्होंने कहा है कि किसी भी दशा में जिले में स्वाईन फ्लू से कोई आकस्मिक घटना ना हो, इसके लिए सभी अस्पतालों के संचालक अपने-अपने चिकित्सालयों में समुचित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित करें।
– जो भी आवश्यक सावधानी, पहल व व्यवस्था करनी हो, उसे समय रहते पूरा करें।
– साथ ही साथ घर-घर जाकर लोगों को सतर्क किया जाए।
– ओ.पी.डी. में आने वाले सामान्य मरीजों को भी स्वाईन फ्लू से बचाव संबंधी पाॅम्प्लेट का वितरण करें।
– अस्पतालों के वरिष्ठ चिकित्सकों के साथ ही अन्य चिकित्सकों एवं स्टाॅफ को इसके बचाव के संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण दें।
– पैसा के अभाव में मरीजों का उपचार को नहीं रोका जाए।
– इसके अलावा रेल्वे स्टेशन, बस स्टेशन जैसे स्थानों पर जागरूकता संबंधी बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स लगाकर लोगों को सतर्क किया जाए।
– रेडियो, जिंगल के माध्यम से सुरक्षा के उपाय बताया जाए।

इन अस्पतालों को किया चिन्हांकित
– प्रशासन के अफसरों ने बताया कि जिला चिकित्सालय के अलावा श्री शंकराचार्य मेडिकल काॅलेज भिलाई, चन्दूलाल चन्द्राकर मेडिकल काॅलेज कचान्दुर, बी.एम. शाह हाॅस्पिटल भिलाई, बी.एस. आर. हाॅस्पिटल जुनवानी भिलाई, चन्दूलाल चन्द्रकार मेमोरियल हाॅस्पिटल नेहरू नगर भिलाई, स्पर्श मल्टी स्पेशलिटी हाॅस्पिटल भिलाई, आई.एम.आई हाॅस्पिटल खुर्सीपार भिलाई को स्वाईन फ्लू के उपचार के लिए चिन्हांकित किया गया है।
– इन अस्पतालों के संचालकों को संभावित मरीजों के स्क्रीनिंग एवं भर्ती हेतु अलग से पृथक कक्ष बनाकर बेड आरक्षित करने के निर्देश दिए गए हैं।
– भर्ती मरीजों की जांच एवं उपचार करने कहा गया है।
– साथ ही साथ संदिग्ध एवं भर्ती मरीजों की विस्तृत जानकारी अनिवार्य रूप से रखने कहा गया है।

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