बाल गृह में गलती करने पर बच्चों की पैंट उतारकर होती थी पिटाई, इस खुलासे के बाद एक भाजपा नेत्री से ताल्लुक रखने वाली अधीक्षिका सस्पेंड, कैमरे के सामने बच्चों ने बताई ये भी बातें, पढिए चौंकाने वाले खुलासे…

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दुर्ग 3 मई, 2019। घुमंतू व लावारिस बच्चों के रहने के लिए बनाए गए सरकारी बाल गृह में बच्चों के साथ अप्राकृतिक कृत्य व मारपीट की शिकायत के मामले में प्रशासनिक जांच पूरी हो गई है। मामले में एसडीएम की रिपोर्ट में बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न व मारपीट की बात सामने नहीं आने की बात कही गई है। इसके अलावा खाने पीने व देखरेख में लापरवाही बताई गई, जिसके आधार पर कलेक्टर अंकित आनंद ने बाल गृह की अधीक्षिका विमला शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। 

कैमरे के सामने क्या कुछ कहा बच्चे ने.. 

एक अखबार में प्रकाशित खबर के मुताबिक, बाल गृह के बच्चे का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह कह रहा है कि मैडम ये बोलती है किसी को मत बताना, जो पूछेंगे तो बताना सब कुछ मिलता है। और बहुत मारती है और बोलती है किसी को चुगली करोगे को तेरे को जेल भेज देंगे और भगा देंगे ऐसे करेंगे। पैंट उतार देते हैं और फिर भी मारते हैं। सूरज सर भी लात ई लात मारते हैं। और वहां से राशन चुरा-चुरा कर ले जाते हैं, रात को। उस दिन तीन-तीन बोरी गेंहू ले गए थे और खराब खराब हम लोगों को खाने को मिलता है। नाश्ता भी ढंग से नहीं मिलता।

जैसे हम लोग खेलते रहते हैं एक दूसरे को लग गया तो उतने में किसी को लग गया तो उतने में डांटते हैं और मारते हैं। सूरत सर व शर्मा मैडम मारते हैं। एक एन्य वीडियो में कहा कि वहां से इसलिए भागा क्यों कि शर्मा मैडम और सूरज सर मारते हैं। गाली भी बकते हैं। मेरा कोई नहीं है मै कहां जाऊंगा और गंदा-गंदा काम कराते हैं। बहुत जन के साथ ऐसा होता है। मैडम अभी बाल गृह में जो आ रहा है उनके सामने सब चीज मिलता है बोल रही है, पर कुछ नहीं मिलता। घूमने भी जाने नहीं देते। 

इस पूरे मामले में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष व डीजे जीके मिश्रा के तरफ से अलग जांच कराई जा रही है। प्राधिकरण की सचिव स्मिता रत्नावत ने बच्चे का बयान लिया। साथ ही सभी विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों का भी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में बयान लिया। इस प्रकार अब भी मामले में एक अन्य जांच की रिपोर्ट आना शेष है। यह जांच संभवत: 3 मई तक पूरी होगी। उक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी। 

जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीके मिश्रा के निर्देश पर यह पूरी जांच हो रही है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने बाल गृह के पूरे स्टॉफ का बयान लिया। इसमें पर्यवेक्षा अधिकारी सतीश यादव, हाउस फादर सागर ताम्रकार, पैरामेडिकल स्टॉफ वेजस वलेंद्र, परामर्शदाता मनीषा चंद्राकर, काउंसलर रत्ना पाध्ये, रसोईया प्रतिमा नेताम व सरोजनी वर्मा सहित एक अन्य स्वीपर महिला शामिल है। हालांकि पूरे मामले में 30 अप्रैल की शाम जब बचपन बचाओ आंदोलन के प्रतिनिधि पहुंचे। उस दिन तो बच्चों से किसी को मिलने नहीं दिया गया। अगले दिन एसडीएम व अन्य अधिकारी पहुंचे, पर किसी भी घटना से सीधे इनकार कर दिया। 

बीती रात 2 बच्चे भाग खड़े हुए थे। एक रात को और दूसरा सुबह भागकर स्टेशन पहुंच गया। दोनों की उम्र करीब 12 वर्ष बताई गई है। सुबह जो बच्चा घूमने के नाम पर निकला, उसे आरपीएफ की टीम ने स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर देखा और पकड़ा। बाद में उन्होंने चाइल्ड लाइन को खबर की। इसकी जानकारी जब डीजे को मिली, तो उन्होंने बच्चों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दफ्तर बुलवा लिया। जहां बच्चे का मेडिकल कराया गया और उसका बयान लिया गया। इसके बाद बच्चे का एक वीडियो भी बनाया गया, जिसमें उसने मारपीट व गंदे काम की बात कही है। 

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