महाराष्ट्र मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कल शाम 5 बजे से पहले हो फ्लोर टेस्ट, लाइव टेलीकास्ट और वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाए …

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26 नवंबर 2019 नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सरकार गठन पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए कहा कि बुधवार शाम पांच बजे से पहले फ्लोर टेस्ट करवाया जाए । कोर्ट ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्य स्थापित करने के लिए कोर्ट हैं और कोर्ट और संसदीय कार्यवाही के बीच बाउंड्री की जरूरत है। कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट की वीडियो रिकॉर्डिंग और लाइव टेलीकास्ट हो और यह सीक्रेट बैलेट से नहीं होगा।

न्यायमूर्ति एन वी रमना ने राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के गठन के खिलाफ शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कहा, ’27 नवंबर को शाम पांच बजे से पहले एक फ्लोर टेस्ट आयोजित किया जाना चाहिए’।

शीर्ष अदालत ने फ्लोर टेस्ट का सीधा प्रसारण करने का भी आदेश दिया। न्यायमूर्ति रमण की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने शनिवार को तड़के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा मुख्यमंत्री और एनसीपी के अजित पवार को उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाने के फैसले को चुनौती देने वाली तीन पक्षों की संयुक्त याचिका पर यह आदेश पारित किया।

कहा गया कि शपथ ऐसे समय में दिलाई गई जब सरकार गठन को लेकर तीन दलों(शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी)के बीच विचार-विमर्श अंतिम चरण में पहुंच गया था। तिकड़ी द्वारा दायर तत्काल याचिका में तुरंत बहुमत परीक्षण करने के लिए दिशा-निर्देश मांगा गया था। बता दें कि फ्लोर टेस्ट एक संवैधानिक तंत्र है जिसके तहत एक मुख्यमंत्री को राज्य विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहा जा सकता है। कल कार्यवाही के दौरान राज्यपाल के कार्यालय और सभी दलों ने भी प्लोर टेस्ट के लिए सहमति व्यक्त की थी।

Supreme Court Decision Highlights

  • फ्लोर टेस्ट कल (27 नवंबर) शाम 5 बजे तक आयोजित किया जाना चाहिए।
  • इसका सीधा प्रसारण होना चाहिए।
  • टेस्ट संचालन के लिए सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल से तत्काल प्रोटेम स्पीकर को नियुक्त करने को आदेश दिया है।
  • गुप्त मतदान न हो।
  • प्लोर टेस्ट से पहले महाराष्ट्र सरकार ना ले कोई फैसला

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तत्काल बाद कपिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि जब तक फ्लोर टेस्ट नहीं होता, फडणवीस सरकार को पालिसी डिसीजन लेने पर रोक लगाई जानी चाहिए। कोर्ट ने इसपर कोई आदेश नहीं पारित किया।

सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को देवेंद्र फड़नवीस की ओर से सरकार बनाने का दावा करने वाले और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की तरफ से उन्हें सरकार बनाने के लिए न्योता देने वाले दोनों पत्र कोर्ट में पेश किए गए। कोर्ट ने पत्र देखने और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला मंगलवार सुबह 10:30 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया था।