EXCLUSIVE: राज्य सरकार ने मांगा अनियमित कर्मचारियों का रिकॉर्ड.. अफसरों को निर्देश.. नियमितीकरण के लिए करें डाटाबेस तैयार.. पढ़िए मांगों पर अब तक क्या हुआ..

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8 जून, 2019 रायपुर। राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र में शामिल मुद्दों को पूरा करने के लिए काम शुरु कर दिया है। अफसरों को दिशा निर्देश भी जारी किए है। दरअसल छत्तीसगढ़ की एक लाख 80 अनियमित कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र में प्रमुखता से शामिल किया था। अब सरकार बनने के बाद अनियमित कर्मचारी भी आस लगाए बैठे है। अनियमित कर्मचारियों को नियमितीकरण समेत कई मांगों को पूरा करने के लिए कांग्रेस सरकार ने कदम बढ़ाया है। कांग्रेस की सरकार बनते ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गृह विभाग के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पांच सदस्यों की समिति गठित की गई। जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव भी शामिल है। इसके बाद अब राज्य सरकार ने सभी विभाग से अनियमित कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अवर सचिव रामलाल खेरवार ने अपने अफसरों को आदेश जारी किये है। जिसमें अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण समेत निम्न मांगों को पूरा करने के संबंध में अपने अफसरों को पत्र लिखा है।

अवर सचिव ने अफसरों को निर्देश देते हुए जानकारी मांगी है। विभाग से संबंधित सभी HOD से कहा कि अपने अधिनस्थ कार्यालयों में अनियमित कर्मचारी कितने कार्यरत है? कब से है? किस कार्य के लिए है? आदि की जानकारी मांगी गई है। और लिखा कि इसे विभाग को जल्द से जल्द उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए एक फॉर्मेट भी तैयार किया गया है।

ये हैं फॉर्मेट.. देखिए..

सरकार के इस फैसले से छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महासचिव रवि गढ़पाले ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य एवं पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव का आभार जताया है। उन्होंने ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने जो कहा वो पूरा किया। रवि गढ़पाले ने कहा है कि उनकी सरकार बहुत तेजी से घोषणा पत्र में किये वादों को रोड़ मैप बनाकर पूरा करने में हर रोज एक कदम आगे बढ़ा रही है। जिस प्रकार से सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर समिति गठित की थी। इसी तरह अब सभी विभागों से अनियमित कर्मचारी और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की जानकारी मांगी है।  

महासचिव रवि ने बताया है कि संविदा, दैनिक वेतन भोगी, प्लेसमेंट, जॉब दर, अंशकालीन पर कार्यरत कर्मचारियों का नियमितीकरण किस नियम के तहत किया जाए। इसकी पूरी जानकारी महसंघ के पास उपलब्ध है। इनका महासंघ हर वक्त राज्य सरकार की मदद करने तत्पर है। जिससे नियमितीकरण की प्रक्रिया को पूरा करने में आसानी होगी।

पंचायत विभाग के अफसरों से मांगी गई जानकारियां..

नियमितीकरण के लिए सरकार ने गठित की टीम

राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव के पहले अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए समिति का गठन किया था। जिसमें अनियमित कर्मचारियों की मांगों के परीक्षण के लिए अपर मुख्य सचिव गृह आर. पी.मंडल की अध्यक्षता में पांच सदस्य वाली समिति का गठन किया गया। समिति से यथाशीघ्र सिफारिश मांगी गई थी। जिसके बाद आचार संहिता हटते ही राज्य सरकार इस पर तेजी से काम शुरु कर ही है।

महासंघ के पदाधिकारियों ने सीएम के सलाहकार से की मुलाकात

महासंघ के पदाधिकारियों की कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री के संसदीय सलाहकार राजेश तिवारी के साथ मुलाकात हुई थी। जिसमें पदाधिकारियों ने अनियमित कर्मचारियों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराया था।

  • प्रमुख रूप से उनकी मांग थी कि 653 कंप्यूटर शिक्षकों को पुनः विभाग में वापस लिया जाए। 
  • संविदा कर्मचारियों के लिए अपील नहीं किए जा रहे संबंधित नियम में बदलाव किया जाए।
  • कर्मचारियों के ऊपर लगाए गए आपराधिक प्रकरण वापस लिए जाएं और विभाग में हो रही कर्मचारियों की छटनी बंद हो।
  • इन सभी मुद्दे पर राजेश तिवारी ने सहमति देते हुए समस्याओं का निराकरण करने का आश्वासन दिया था।

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