विशेष लेख: कोरोना महामारी और सरकार का गोबर खरीदी का निर्णय

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मेरे देश की धरती सोना उगले-उगले हीरे मोती… पुरानी फ़िल्म के इस गीत को सुन कर आज भी ह्रदय रोमांच से भर जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार माटी पुत्र भूपेश के नेतृत्व में इस गीत को साकार करने में आगे बढ़ती नजर आ रही। सरकार ने निर्णय लिया है कि अब गोबर की खरीदी की जाएगी। लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर ये किसान पुत्र करना क्या चाहते है। जी हां बात हो रही है छत्तीसगढ़ के मुखिया भूपेश बघेल की।

जब भारत में कोरोना महामारी का आगाज भी नहीं हुआ था तो मुख्यमंत्री ने सम्पूर्ण लॉक डाउन के कठोर निर्णय से सभी को अचंभित कर दिया था, उसी का परिणाम है कि जब देश में एक दिन में हजारो में मरीजों की वृद्धि हो रही है छत्तीसगढ़ में मरीजो की वृद्धि दर अन्य प्रदेशों की तुलना में बहुत कम है। कोरोना काल में ही मुख्यमंत्री और उनकी टीम ने ये अनुमान लगा लिया था कि जब कोरोना महामारी का मध्यकाल आएगा लोग रोजगार के लिए तरस जायंगे, दो वक्त की रोटी उनके लिए मजबूरी बन जायेगी। दूरगामी सोच का परिणाम रहा कि मनरेगा में पिछले 100 दिनों में रोजगार देने वाला देश का अग्रणी राज्य छत्तीसगढ़ रहा। राशन दुकान से सभी को जिनके पास राशनकार्ड नहीं है उन्हें भी आवश्यक राशन उपलब्ध करवाया। आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पूरक पोषण आहार घर-घर पहुंचाया गया। मध्यान भोजन का तीन माह का राशन छात्रों को दिया गया। व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए व्यवसाइयों को निश्चित परिधि में छूट दी गई, बसों के टैक्स माफ किये गए, उद्योग को पुनः प्रारंभ के लिए क्रमबद्ध कार्ययोजना को अमली जामा दिया गया, स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लिया गया और प्रदेश के लोगों को भूख की त्रासदी से बचाने में मुख्यमंत्री कामयाब रहे। हजारों मजदुरों को ट्रेन बस से अन्य राज्यों से लाया गया। उनके आवास भोजन और चिकित्सा की व्यवस्था प्रदेश सरकार ने व्यवस्थित तरीके से की।

प्रदेश के मुखिया किसान पुत्र ने माटी की सेवा करने वालो के दर्द को समझा और सरकार बनते साथ उन्होंने अपने वादे को निभाते हुए किसानों का कर्ज माफ कर दिया। मुख्यमंत्री इस बात से भिज्ञ है कि यदि किसान समृद्ध, स्वस्थ और उत्साह में होगा तो धरती माँ सोना उगलेगी।

सरकार द्वारा गोबर खरीदी का निर्णय ओर भविष्य में मुफ्त चारा देने की योजना आज बहुतो की समझ मे नही आ रहा , कुछ तो अनर्गल कुछ भी बोल रहे , ऐसे ही लोगो ने प्रदेश में जब सम्पूर्ण लॉक डाउन का निर्णय लिया गया था तब भी प्रश्न चिन्ह लगाया था शायद वे आज भूल गए कि आप ही लोग गो माँ के असली उपासक होने का दावा करते थे और स्वदेशी के तथाकथित ठेकेदार आप ही थे ।आज जब कोई मुख्यमंत्री गऊ माता की सेवा करने उतरा तो आपके बोल अनर्गल क्यो हो गए। गऊ माता और श्री राम के तथाकथितभक्त की समझ मे आज नहीं आ रहा कि सरकार की गोबर खरीदी योजना और भविष्य में मुफ्त चारा योजना और राम वन गमन पथ निर्माण का विरोध करे या समर्थन क्यो की जो कार्य उनको जनता द्वारा दिये गए 15 साल में वो नही कर पाए वो कार्य नई सरकार कार्यकाल के दो साल के अंदर कैसे अग्रसर होते नजर आ रहे। गाय माता और गोबर तो गुणों की खान है,हर भारतीय उनके गुणों से परिचित है, गोबर का इस्तेमाल बहुआयामी है, गोबर की गुडवत्ता किसी प्रमाण पत्र की मोहताज नहीं। सरकार की इस योजना से न केवल गौ माता सुरक्षित होंगी ग्रामीण रोजगार के सृजन में भी सहायक होगी। वही राम वन गमन पथ लोगो की धार्मिक आस्था के साथ साथ आवागमन , रोजगार, व्यवसाय में विकास का मार्ग प्रशस्त करेगा , निश्चित ही सरकार की हर योजना की तरह इस योजना के परिणाम भी सकारात्मक ही आयंगे । निश्चित ही प्रदेश छत्तीसगढ़ में पुरानी फ़िल्म का गीत साकार होगा…… मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती….।।