तो क्या संगठनों की आपसी लड़ाई के शिकार हो रहे हैं शिक्षाकर्मी, फेडरेशन का सीधा आरोप – पुराना संगठन दे रहा है भ्रष्ट अधिकारियों का साथ, राज्यपाल को पत्र लिखने वाले शिक्षक के साथ है फेडरेशन…

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12 अप्रैल, 2019 रायपुर। जिस शिक्षाकर्मी ने आज से लगभग 8 महीने पहले लेनदेन की मांग करने वाले बाबू का वीडियो वायरल करके भ्रष्टाचार को उजागर करने का काम किया था। वह शिक्षाकर्मी आज अपने ही साथियों की आपसी राजनीति का शिकार हो चुका है। यह हमारा नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन का आरोप है। शिक्षाकर्मी कृष्ण कुमार कश्यप व्याख्याता (एल बी) जो बह्मानिडीह ब्लॉक में पदस्थ है। उन्होंने राज्यपाल और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस बात की शिकायत की है। उनके डेढ़ साल के लंबित एरियर्स का भुगतान विकास खंड शिक्षा कार्यालय द्वारा रोक दिया गया है जिसकी राशि लाखों में है। वहीं उनके ही साथ के कई अन्य शिक्षाकर्मियों को राशि का भुगतान हो चुका है। इस पत्र के वायरल होने के बाद मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया।

  • इससे पहले इसी मामले को लेकर एक वीडियो भी वायरल हुआ था।
  • जिसमें पैसों के लेनदेन की मांग करते हुए बाबू का चेहरा उजागर हुआ था।
  • बावजूद इसके कृष्ण कुमार कश्यप को उनका हक नहीं मिल सका।
  • और एक बार फिर कृष्ण कुमार कश्यप ने विभाग को कटघरे में खड़ा करते हुए पूरे मामले की शिकायत राज्यपाल और मुख्य सचिव से की है।
  • हालांकि सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि उनके शिकायत करने के बाद विकास खंड शिक्षा अधिकारी ने मीडिया में भ्रामक और तथ्यहीन खबरें फैलाने के आरोप में उन्हें नोटिस जारी कर दिया है।
  • यानी मीडिया में खबरें आने के बाद विकास खंड शिक्षा अधिकारी एक्शन में तो है लेकिन यह एक्शन उनका कृष्ण कुमार कश्यप को एरियर्स देने के लिए नहीं बल्कि नोटिस जारी करने के लिए है ।

फेडरेशन ने लगाए छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ पर गंभीर आरोप

शिवशंकर सारथी

इधर इस पूरे मामले में छतीसगढ़ सहायक शिक्षक फेडरेशन व्याख्याता कृष्ण कुमार कश्यप के साथ खड़ा होता हुआ नजर आ रहा है, फेडरेशन के शिव सारथी का स्पष्ट कहना है कि व्याख्याता (एलबी) कृष्ण कुमार कश्यप के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ उनका संगठन खड़ा है। और आचार संहिता खत्म होते ही ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुहिम शुरू की जाएगी और विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने धरना भी दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि शिक्षक कृष्ण कुमार कश्यप निम्न से उच्च वर्ग मामले में 8 लाख रुपये एरियर्स पाने के हकदार हैं जिसे कार्यालय ने रोक रखा है। वहीं उन्हीं के साथ के अन्य शिक्षकों को एरियर्स राशि का भुगतान किया जा चुका है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच कराए जाने पर पूरा मामला सामने आ सकता है। और इसी बात की शिकायत शिक्षक ने राज्यपाल से की है तो उल्टा उन्हें ही नोटिस थमाया जा रहा है।

शिव सारथी का यह भी आरोप है कि इस पूरे प्रकरण में पुराने संगठन छत्तीसगढ़ पंचायत नगरीय निकाय शिक्षक संघ का भी हाथ है और उन्हीं के द्वारा ऐसे कृत्यों को जानबूझकर बढ़ावा दिया जा रहा है। अधिकारियों के साथ सांठगांठ कर राशि की बंदरबांट की जाती है और जो शिक्षक चढ़ावा चढ़ाने के लिए तैयार नहीं होता है उन्हें ऐसे ही परेशान किया जाता है।

अब मामले की सच्चाई क्या है यह तो जांच के बाद ही सामने आएगा लेकिन फिलहाल तो फेडरेशन के सामने आने के बाद माहौल और अधिक गरमा गया है और व्याख्याता कृष्ण कुमार कश्यप को न्याय मिलने की संभावना बढ़ गई है।

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