शैलेष ने छुपाया अपराधिक रिकॉर्ड, मामला अधर में लटका, निर्वाचन आयोग में हुई शिकायत, बिलासपुर कांग्रेस में मची खलबली..

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बिलासपुर। बिलासपुर विधानसभा के लिए कांग्रेस पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी शैलेष पांडे ने नामांकन फार्म के साथ दिए गए शपथ पत्र में अपने अपराधिक प्रकरणों की पूरी जानकारी नहीं दी है जिस पर आज भाजपा प्रत्याशी अमर अग्रवाल के निर्वाचन अभिकर्ता अनिल दुआ ने जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष आपत्ति दर्ज कराई है। और नामांकन निरस्त करने की मांग की है।

भाजपा प्रत्याशी के निर्वाचन अभिकर्ता की आपत्ति के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा मार्गदर्शन के लिए राज्य निर्वाचन पदाधिकारी और भारत निर्वाचन आयोग को भेजा गया है। फिलहाल प्रारंभिक तौर पर इसे  स्वीकार किया गया है। सभी प्रत्याशियों को अपने सभी आपराधिक रिकॉर्ड को जनता के समक्ष रखना पड़ेगा। आपत्ति अगर आयोग में नहीं सुना जाएगा तो कोर्ट का रास्ता भी खुला है। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा आपत्ति स्वीकार नहीं करने पर इसकी शिकायत राज्य मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी तथा मुख्य चुनाव आयुक्त से की गई है, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने बिलासपुर विधानसभा क्रमांक 30 से अपने प्रत्याशी के रूप में एक यूनिवर्सिटी के पूर्व रजिस्टार शैलेश पांडे को प्रत्याशी बनाया है, शैलेश पांडे के विरुद्ध कोटा भ्रष्टाचार के मामले में और व तोरवा थाने में लोक शांति भंग करने के मामले में अपराध कायम है।

शैलेश पांडे ने अपने नामांकन पत्र के साथ निर्वाचन आयोग के द्वारा अपराधिक मामलों के संबंध में भरे जाने वाले शपथ पत्र में  संलग्न प्रपत्र में यह इंद्राज किया है कि बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में करगी रोड कोटा थाने में दिनांक 14 जून 2018 को33317033180247क्रम्ंक  से आपराधिक मामला दर्ज है। उन्होंने इंद्राज किया है कि भ्रष्टाचार अधिनियम निरोध 1988 धारा 13 (1) घ (ll),आइपीसी की धारा 107,151,116 थाना तोरवा इस्त्र क्रमांक 200/18 से आपराधिक मामला लम्बित है। उनके विरुद्ध सी वी रमन विश्वविद्यालय के रजिस्टार के पद पर रहते हुए पदीय दायित्वों के निर्वहन में भ्रष्टाचार के गंभीर  आरोप लम्बित है।उनके द्वारा उक्त मामले मे माननीय उच्च न्यायलय याचिका दर्ज wpcr अपराध 479/2018क्रमांक मे अपील की गई है। उन्होंने शपथ पत्र देकर वाले किया है कि उन्हें आपराधिक मामले दोष सिद्ध नहीं पाया गया है।

झूठा शपथ पत्र देने का किया गुनाह, निर्वाचन आयोग की आंखों में भी धूल झोकने की कोशिश

कांग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ सिविल लाइन थाने में शासकीय कार्य में बाधा,बलवा समेत अन्य मामले में धारा 147,148,186,353,294 के तहत मामला दर्ज है। जिसे शपथ पत्र में छुपाया गया है,कांग्रेस प्रत्याशी द्वारा अपने शपथ पत्र में केवल  सिर्फ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कोटा थाने में धारा 13(1) घ(2) के साथ  तोरवा थाने में 151,107,116 दर्ज मामले की जानकारी दी गई है। इस प्रकार उन्होंने सिविल लाइन थाने में दिनाक 18 सितम्बर 2018  को सिविल लाइन थाने शासकीय कार्य में बाधा, बलवा समेत अन्य मामले डेढ़ प्रथम सुचना प्रतिवेदन की जानकारी बड़ी होशियारी के साथ छुपाने का कार्य करते हुए, यह निर्वाचन नियमावली 1961 नियम ४क़् के तहत निर्धारित प्रपत्र में दिया गया झूठा शपथ पत्र दिया गया है, स्पष्ट है आपराधिक प्रवृत्ति वाले ऐसे लोग अपने व्यक्तिगत मंसूबो को साधने के लिए राजनितिक बिसात में कांग्रेस की टिकट से  चुनाव मैदान में है,  कांग्रेस के प्रत्याशी का यह कृत्य निर्वाचन नियमावली का खुलेआम उल्लंघन है। इस पूरे मामले की शिकायत राजय के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी और राष्ट्रीय चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से की गई है।

भारतीय जनता पार्टी का एल्डरमेन राजेंद्र भंडारी, मनीष अगरवाल, प्रवीण दुबे और मकबूल अली ने जारी बयान में कहा कि कांग्रेस स्वच्छ छवि वाले प्रत्याशी को बिलासपुर के लिए ढूंढ नहीं पाई है, कांग्रेस ऐसे आदमी को चुनाव में खड़ा किया हुआ है जिसके विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज हैं। लाखों युवाओं के करोड़ों रुपए घटक कर फर्जी डिग्री के मामले में शैलेश पांडेय आरोपी है ऐसे आरोपी कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाकर बिलासपुर की जनता के साथ छल किया है। फर्जी डिग्री मामले में शैलेश पांडे विवादों में आए थे।

बताया जाता है कि उन्होंने अपने कार्यकाल एक विश्वविध्यालय में पैसे लेकर डिग्री देने का खुला खेल चला इसी मामले में पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पाने एवं भ्रष्टाचार के संगीन आरोप उन पर हैं। कांग्रेस में ऐसे व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाया है जिस पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है, ऐसे व्यक्ति अपना उल्लू सीधा करने के लिए झूठा शपथ पत्र भी दे सकते हैं क्योंकि यूजीसी में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सामने विभिन्न झूठे शपथपत्र देकर इनके द्वारा के कार्यकाल में सीवी रमन यूनिवर्सिटी के जरिए आईसेक्ट के नाम से फर्जी डिग्री का खुला खेल होता रहा है। फर्जीवाड़े में लिप्त ऐसे लोगों को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाकर यह साबित कर दिया है, कांग्रेश के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है जिसे वह बिलासपुर से जनता के सामने पेश कर सकें। उल्टे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विरुद्ध हवाई मार्ग से इनको टिकट दिए जाने से कांग्रेसमें बेचैनी और ठगे जाने का माहौल है। शैलेश पांडे ठग प्रवृत्ति के आदमी है जो बिलासपुर की जनता को ठगने आए है।निर्वाचन में नामांकन में जुठर शपथ पत्र देकर उन्होंने साबित कर दिया है क़ि राजनीति  में उनकी बुनियाद झूठ के पुलिंदों के छलावा  कुछ नहीं है।

भाजपा नेताओ ने कहा फर्जी डिग्री मामले में पूर्व रजिस्ट्रार शैलेश पांडे विवादों में आए थे, बताया जाता है कि उनका कार्यकाल में पैसे लेकर डिग्री देने का खुला खेल चला इसी मामले में पदीय दायित्वों का निर्वहन नहीं कर पाने एवं भ्रष्टाचार के संगीन आरोप उन पर हैं।  कांग्रेसमें ऐसे व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाया है जिस पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है तोरवा थाने में भी आई पी सी की धारा 107,116 ,151 धाराओ मे आरोप दर्ज है।

बताया जाता है कि देश के अन्य राज्यों में भी इनके द्वारा मामला दर्ज  है। ऐसे व्यक्ति अपना उल्लू सीधा करने के लिए झूठा शपथ पत्र भी दे सकते हैं क्योंकि  विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सामने विभिन्न झूठे शपथपत्र देकर इनके द्वारा के कार्यकाल में सीवी रमन यूनिवर्सिटी के जरिए आईसेक्ट के नाम से फर्जी डिग्री का खुला खेल होता रहा है ।फर्जीवाड़े में लिप्त ऐसे लोगों को कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाकर यह साबित कर दिया है। कांग्रेस  के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है जिसे वह बिलासपुर से जनता के सामने पेश कर सकें। उल्टे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विरुद्ध हवाई मार्ग से इनको टिकट दिए जाने से कांग्रेसमें बेचैनी और ठगे जाने का माहौल है। शैलेश पांडे ठग प्रवृत्ति के आदमी है जो बिलासपुर की जनता को ठगने आए है।

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