सभी जाति, धर्म के बीच रोटी बेटी का रिश्ता आवश्यक: एचपी जोशी

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पूरे विश्व में केवल अंतर्जातीय विवाह ही नहीं वरन अंतर्धर्मी विवाह और अन्तर्देशीय विवाह की आवश्यकता है। जब तक दुनिया के सभी जातियों और धर्म के लोग आपस में रोटी बेटी का रिश्ता बनाना सहज स्वीकार नहीं कर लेते तब तक आपस में प्रेम और सद्भावना नहीं हो सकता।

जब तक हमारे बीच रोटी बेटी का रिश्ता सहज स्वीकार नहीं किया जाता, तब तक किसी भी शर्त में हमारा यह कहना कि “देश दुनिया में जातिगत असमानता नहीं है दो धर्म के बीच संघर्ष नहीं है” अन्याय और व्यर्थ ही है।

कहने को तो कोई कुछ भी कह सकता है मगर क्या यह सत्य है?? क्या वह वास्तविकता के निकट है???

यदि नहीं तो ऐसा कहना अनुचित, अन्याय और व्यर्थ ही होगा। इसलिए जब तक पूरे विश्व में, विशेषकर भारत में सभी जाति धर्म के बीच रोटी बेटी का रिश्ता बनाना सहज स्वीकार नहीं किया जाता तब तक आप भेदभाव और संघर्ष समाप्त होने की बात नहीं कह सकते। तब तक आपका यह कहना भी कि “देश में सभी जाति धर्म के लोग आपस में भाईचारा और प्रेम से रहते हैं” गलत और अपूर्ण होगा।

आइए देश में जाति धर्म के बंधन से मुक्त होकर जिएं और अपने आने वाली पीढ़ी को जाति धर्म के बंधन से मुक्त कर उनके बीच रोटी बेटी का रिश्ता जोड़ने का प्रयास करें।