16 अप्रैल 2019, भिलाई। छत्तीसगढ़ की केंद्रीय मौसम विज्ञान विभाग ने इस साल मानसून के समय पर आने, अच्छे रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। 2018 में प्रदेश में 95 फीसद बारिश हुई थी । तालाबों-बांधों में जल स्तर पर्याप्त था। इस वर्ष भी प्रदेश के किसानों, कृषि वैज्ञानियों व आम लोगों के लिए अच्छी खबर है कि मानसून अच्छा रहेगा। इसकी वजह है मानसून द्रोणिका, जो 15 अप्रैल को हिंद महासागर में बन चुकी है।
- केरल में मानसून 1 जून तक आ जाता है।
- छत्तीसगढ़ में 10 जून और रायपुर में 15 जून के करीब।
- लेकिन इस बार इसके एक-दो दिन पूर्व आने के संकेत हैं।
- मौसम वैज्ञानी एचपी चंद्रा का कहना है कि अलनीनो का भी असर मानसून पर रहेगा।
- 80 फीसद से अधिक बारिश होती है तो इसे सामान्य बारिश माना जाता है।
- बीते वर्षों से प्रदेश में सामान्य बारिश हो रही है। गौरतलब है कि इस साल दिसंबर, जनवरी तक सिस्टम बनते-बिगड़ते रहे और बारिश होती रही।
- द्रोणिका, चक्रवात और पश्चिमी विक्षोभ के चलते तो अभी भी बारिश हो रही है।
- 1951 से 2000 तक की स्थिति- भारत में 1951 से 2000 तक के मानसून सीजन में औसत बारिश 89 सेमी दर्ज की गई थी।
- मगर बीते 18 सालों में मानसून का औसत 90 से 95 फीसद के बीच रहा है।
- यह राहत देने वाली स्थिति है।
बांधों में नहीं था पानी का संकट-
- पिछले साल हुई अच्छी बारिश से गंगरेल बांध पैमाने तक भर गया था।
- इसके चलते गर्मी के इस मौसम में रायपुर, धमतरी और बिरगांव नगरीय निकायों की जनता को पर्याप्त पानी मिल रहा है।
- जल संसाधन विभाग नदियों में पर्याप्त पानी छोड़ रहा है।
- इसलिए जल संकट नहीं है।