छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन का असली चेहरा उजागर.. प्राथमिक शिक्षकों की वर्तमान आर्थिक दुर्दशा के लिए वर्ग-1 व वर्ग-2 के सभी संगठन जिम्मेदार.. वर्ग-3 के समन्वयक बनने का विरोध करना टीचर्स एसोसिएशन का शर्मनाक हरकत: प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन

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रायपुर। छत्तीसगढ़ टीचर्स एशोसिएशन द्वारा शिक्षाकर्मी वर्ग-3 को समन्वयक बनाए जाने के विरोध करने पर टीचर्स एसोसिएशन सहित वर्ग-1 व वर्ग-2 के सभी संगठनों के खिलाफ प्रदेशभर के 1,09,000 प्राथमिक शिक्षको में भारी आक्रोश और गुस्सा का माहौल बना हुआ है। राज्यभर में वर्ग-3 के शिक्षकों ने इसे वर्ग-1 व वर्ग-2 के शिक्षाकर्मी संगठनों की ओछी मानसिकता व घटिया हरकत बताया है।

छत्तीसगढ़ प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि टीचर्स एसोसिएशन सहित सभी वर्ग-1 व वर्ग-2 के शिक्षाकर्मी संगठन प्राथमिक शिक्षकों के घोर विरोधी है। ये लोग कभी नहीं चाहते है कि प्रदेश के 1,09,000 वर्ग 03 साथियो का जरा भी भला व हित लाभ हो। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण रायगढ जिला में देखने को मिल गया जंहा पर इनके संघ टीचर्स एसोसिएशन ने खुले तौर पर वर्ग 03 का विरोध किया है। साथ ही संघ के लेटर पैड में डीईओ को स्पष्ट रूप से लिखकर दिया है कि वर्ग 03 को संकुल समन्वयक न बनाया जाय।

प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू, प्रदेश संयोजक इदरीश खान, कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष शिवकुमार साहू, उपप्रांताध्यक्ष ऋषि राजपूत, प्रदेश उपाध्यक्ष भोजकुमार साहू, लेखपाल सिंह चौहान, प्रांतीय महासचिव धरमदास बंजारे एवँ प्रदेश संगठन मंत्री यशवंत कुमार देवांगन ने संयुक्त बयान जारी कर राज्य सरकार से मांग की है कि संकुल समन्वयको के 78 % पदों पर शिक्षाकर्मी वर्ग 03 की नियुक्ति की जाय। चूंकि प्रदेश के शिक्षाकर्मियों में वर्ग 03 की संख्या 78 % प्रतिशत है तथा वर्ग 01 व 02 की संख्या मात्र 22 % ही है, इसलिए 78 % समन्यवको के पदों पर वर्ग 03 की नियुक्ति होनी चाहिए।

समन्वयक भर्ती नियम में संशोधन करें राज्य सरकार :-

प्रांताध्यक्ष जाकेश साहू एवँ प्रदेश संयोजक इदरीश खान ने राज्य सरकार से मांग की है कि समन्वयक भर्ती नियम में संशोधन कर ऐसा नया नियम बनाए जिसमें कि 78 % पदों को वर्ग 03 से भरा जा सके। चूंकि समन्वयक का पद एक अकादमिक पद है जिसका कार्य प्राथमिक व मिडिल स्कुलो का निरीक्षण करना व स्कुलो में व्यवस्था बनाने में मदद करना है। चूंकि शिक्षाकर्मी वर्ग 03 की नियुक्ति प्राथमिक शालाओ में हुई है तथा किसी भी संकुल केंद्र में लगभग 70 से 80 % स्कूल प्राथमिक शाला है। प्राथमिक शालाओ का सही व सटीक निरीक्षण शिक्षाकर्मी वर्ग 03 की कर सकता है क्योंकि ऐसे शिक्षक प्राथमिक शालाओ में ही पढ़ा रहे है।

वर्ग 03 के वर्तमान आर्थिक बदहाली के लिए त्रिमूर्ति सहित वर्ग 01 व वर्ग 02 के सभी शिक्षाकर्मी संगठन जिम्मेदार :-

छत्तीसगढ़ प्राथमिक शिक्षक फेडरेशन ने त्रिमूर्ति सहित शिक्षाकर्मी वर्ग 02 एवँ वर्ग 01 के सभी संगठनों पर तीखा व करारा हमला बोलते हुए प्रदेश के 1,09,000 शिक्षाकर्मी वर्ग 03 की आर्थिक दुर्दशा व बदहाली के लिए इन्हीं संगठनों को जिम्मेदार बताते हुए इन्हें वर्ग 03 का सबसे बड़ा दुश्मन करार दिया है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि जून 2018 में जब हमें विसंगतियुक्त संविलियन मिला जिसमें क्रमोन्नति वेतनमान का कंही पर उल्लेख ही नहीं था तब इन त्रिमूर्तियोंयो ने उक्त विसंगतियुक्त संविलियन का तात्कालिक रूप से विरोध न कर उल्टा इसका स्वागत किया तथा प्रदेश के 1,09,000 शिक्षाकर्मी वर्ग 03 को इन लोगो ने सरेआम झूठ पे झूठ बोला कि बाद में क्रमोन्नति वेतनमान मिल जाएगा अभी पहले संछेपिका आ जाने दो….. लेकिन आज तक न तो कोई संछेपिका आई…. और न ही क्रमोन्नति वेतनमान मिला। वर्ग 03 को यदि कुछ मिला तो सिर्फ… सिर्फ….. सिर्फ…. और सिर्फ…. धोखा… धोखा…. धोखा… और महज धोखा…

इस प्रकार इन वर्ग 01 व वर्ग 02 के संगठनों ने आज तक कभी भी न तो वर्ग 03 के किसी आंदोलन का समर्थन किया और न ही किसी वर्ग 03 के हित मे कभी काम किया, बल्कि इसके विपरीत हमेशा वर्ग 03 के विरोध में ही ये लोग काम किये है।

प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने प्रदेश के सभी 1,09,000 शिक्षाकर्मी वर्ग 03 साथियों को ऐसे स्वार्थी व शिक्षाकर्मी वर्ग 03 विरोधी संगठनों से दूर रहने की अपील की है।