मोदी सरकार के 2.0 का एक साल पूरा.. देशवासियों के नाम PM मोदी ने लिखी चिट्ठी.. जानिए 10 बातें..

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बनी दूसरी बार बीजेपी सरकार का पहला साल शनिवार को पूरा हुआ। इस मौक़े पर प्रधानमंत्री मोदी ने एक चिट्ठी लिख कर देशवासियों का आभार जताया है।

चिट्ठी की शुरूआत में उन्होंने लिखा है कि कोरोना महामारी के कारण सामान्य परिस्थिति नहीं है और इस कारण उन्हें देशवासियों के नाम पत्र लिखना पड़ रहा है।

उन्होंने लिखा है कि “दशकों बाद भारत पूर्ण बहुमत की किसी सरकार को लगातार दूसरी बार जनता ने ज़िम्मेदारी सौंपी थी। ये भारतीय इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है।”

उन्होंने चिट्ठी में अपनी सरकार के लिए कड़े फ़ैसलों का ज़िक्र किया है और कोरोना महमारी की तरफ इशारा करते हुए लिखा कि कोई भी मुश्किल परिस्थिति हमारे भविष्य का निर्णय नहीं कर सकती।

चिट्ठी में उन्होंने इन 10 बातों का जिक्र किया –

  1. वर्ष 2014 में देश की जनता ने देश की नीति और रीति बदलने के लिए वोट किया था। उन पाँच वर्षों में देश ने व्यवस्थाओं को जड़ता और भ्रष्टाचार के दलदल से बाहर निकलते हुए देखा है। देश ने अंत्योदय की भावना के साथ गरीबों का जीवन आसान बनाने के लिए गवर्नेंस को परिवर्तित होते देखा है।
  2. वह कार्यकाल देश की अनेकों आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए समर्पित रहा, जैसे गरीबों के बैंक खाते, मुफ्त गैस कनेक्शन, मुफ्त बिजली कनेक्शन, शौचालय, घर, सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक हुई, वन रैंक वन पेंशन, वन नेशन वन टैक्स- GST, किसानों की MSP की मांगों को पूरा करने का काम किया।
  3. राष्ट्रीय एकता-अखंडता के लिए आर्टिकल 370 की बात हो, सदियों पुराने संघर्ष के सुखद परिणाम – राम मंदिर निर्माण की बात हो, आधुनिक समाज व्यवस्था में रुकावट बना ट्रिपल तलाक हो, या फिर भारत की करुणा का प्रतीक नागरिकता संशोधन कानून हो, ये सारी उपलब्धियां आप सभी को स्मरण हैं।
  4. चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद के गठन ने जहां सेनाओं में समन्वय को बढ़ाया है, वहीं मिशन गगनयान के लिए भी भारत ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
  5. देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब, किसान, खेत मजदूर, छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र के श्रमिक साथियों, सभी के लिए 60 वर्ष की आयु के बाद 3 हज़ार रुपए की नियमित मासिक पेंशन की सुविधा सुनिश्चित हुई है।
  6. सामान्य जन के हित से जुड़े बेहतर कानून बनें, इसके लिए भी बीते वर्ष में तेज गति से कार्य हुआ है। हमारी संसद ने अपने कामकाज से दशकों पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
  7. देशवासियों की आशाओं-आकाँक्षाओं की पूर्ति करते हुए हम तेज गति से आगे बढ़ ही रहे थे, कि कोरोना वैश्विक महामारी ने भारत को भी घेर लिया। कई लोगों ने आशंका जताई थी कि जब कोरोना भारत पर हमला करेगा, तो भारत पूरी दुनिया के लिए संकट बन जाएगा। लेकिन आज सभी देशवासियों ने भारत को देखने का नजरिया बदलकर रख दिया है. ताली-थाली बजाने और दीया जलाने से लेकर भारत की सेनाओं द्वारा कोरोना वॉरियर्स का सम्मान हो, जनता कर्फ्यू या देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान नियमों का निष्ठा से पालन हो, हर अवसर पर आपने ये दिखाया है कि एक भारत ही श्रेष्ठ भारत की गारंटी है।
  8. लेकिन हमें ये भी ध्यान रखना है कि जीवन में हो रही असुविधा, जीवन पर आफत में न बदल जाए. प्रत्येक भारतीय के लिए प्रत्येक दिशा-निर्देश का पालन करना बहुत आवश्यक है। ये लड़ाई लंबी है लेकिन हम विजय पथ पर चल पड़े हैं और विजयी होना हम सबका सामूहिक संकल्प है।
  9. आज यह चर्चा भी बहुत व्यापक है कि भारत समेत तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं कैसे उबरेंगी? आज समय की मांग है कि हमें अपने पैरों पर खड़ा होना ही होगा। अपने बलबूते पर चलना ही होगा और इसके लिए एक ही मार्ग है – आत्मनिर्भर भारत. अभी हाल में आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए दिया गया 20 लाख करोड़ रुपए का पैकेज, इसी दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। यह अभियान, हर एक देशवासी के लिए, हमारे किसान, हमारे श्रमिक, हमारे लघु उद्यमी, हमारे स्टार्ट अप्स से जुड़े नौजवान, सभी के लिए, नए अवसरों का दौर लेकर आएगा।
  10. वैश्विक महामारी के कारण, यह संकट की घड़ी तो है ही, लेकिन हम देशवासियों के लिए यह संकल्प की घड़ी भी है। हमें यह हमेशा याद रखना है कि 130 करोड़ भारतीयों का वर्तमान और भविष्य कोई आपदा या कोई विपत्ति तय नहीं कर सकती।