सुकमा में सीआरपीएफ जवानों की मॉक ड्रिल के दौरान गोली लगने से एक जावन की मौत..

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7 नवंबर 2019 सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा में सीआरपीएफ जवानों की मॉक ड्रिल के दौरान एक जवान की गोली लगने से मौत हो गई। इस मॉक ड्रिल के दौरान जवानों को वेपेंस खाली करने के आदेश दिए गए थे। साथ ही उन्हें मुंह से गोली की आवाज निकालनी थी।

इसके बावजूद डमी बॉडी बने जवान को उठाते समय दूसरे जवान के पास मौजूद राइफल से गोली चल गई, जो कि जवान के सिर में लगी। घटना के बाद घायल जवान को चॉपर से रायपुर लाया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक, कोंटा स्थित सीआरपीएफ के 217 बटालियन कैंप के पास ही नक्सलियों से निपटने के लिए मॉक ड्रिल की जा रही थी। इसके लिए जवानों को दो टीमों में बांटा गया था। इस दौरान नक्सलियों और सुरक्षा बलों के बीच होने वाले एन्काउंटर के बाद उत्पन्न परिस्थितियों, जंगल में पड़ी डेड बॉडीज को कंधे पर उठाकर लाने और नक्सलियों के शवों के पास जाकर दोबारा फायरिंग कर सुरक्षा सुनिश्चित करने जैसे हालातों को लेकर मॉक ड्रिल की जा रही थी।

  • जवानों को पहले से ही उनकी राइफलों को खाली करने और मुंह से गोलियों की आवाज निकालने के आदेश दिए गए थे।
  • मुठभेड़ के दौरान मारे जाने पर नक्सली बने दो जवानों को उठाने के लिए दूसरी टीम के जवान वहां पहुंचे।
  • डमी डेड बॉडी बने एक जवान को कंधे पर लादकर वहां से ले गए। इसके बाद दूसरे डमी डेड बॉडी बने जवान को उठाने गया तो राइफल सेफायरिंग हो गई।
  • इसके चलते गोली डेड बॉडी बने कटक ओडिशा निवासी जवान नीलू सिंह के सिर में लग गई।
  • ड्रिल के दौरान हुए हादसे में घायल हुए जवान को देखते ही हड़कंप मच गया। आनन फानन में चॉपर मंगाकर जवान को रायपुर के लिए रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
  • बताया जा रहा है कि हादसा लापरवाही के चलते दुर्घटनावश हुआ है। हालांकि वेपेंस खाली करने के आदेश के बावजूद ड्रिल के दौरान राइफल में गोलियां क्योंभरी गईं, इसको लेकर जांच की जा रही है।
  • फिलहाल अधिकारी पूरे मामले को सिर्फ हादसा बता रहे हैं। इसको लेकर ज्यादा जानकारी स्पष्ट नहीं हो सकी है।