11वीं को छोड़ सभी कक्षाओं में अब सीधे एडमिशन… फॉर्म भरने की भी जरूरत नहीं.. घर बैठे मिलेगा मिड-डे मील, किताबें और यूनिफार्म.. आदेश जारी..

0
79

रायपुर। कोरोना काल में छत्तीसगढ़ सरकार ने शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया निर्धारित कर दी है। 11वीं को छोड़कर छात्रों को सभी कक्षाओं में सीधे प्रवेश दे दिया जाएगा। प्रवेश प्रक्रिया 15 अगस्त तक पूरी करनी होगी। इस संबंध में सभी जिलों के जिला शिक्षा अधिकारियों को भी आदेश जारी कर दिया गया है।

शिक्षा विभाग की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक 11वीं में प्रवेश की प्रक्रिया भी 31 अगस्त से शुरू हो जाएगी। राज्य के अलग-अलग सरकारी स्कूलों में प्रवेश के लिए छात्र नि:शुल्क फॉर्म 31 अगस्त तक ले और जमा कर सकेंगे। खास बात यह है कि घर बैठे ही बच्चों को स्कूल यूनिफार्म, किताबें, मिड-डे मील व अन्य सुविधाएं पहुंचाई जाएंगी।

जनरल प्रमोशन से सभी बच्चे पास, इसलिए बिना आवेदन प्रवेश

कोरोना संक्रमण के चलते 10वीं और 12वीं कक्षा को छोड़कर अन्य सभी को जनरल प्रमोशन दिया था। ऐसे में 8वीं तक और 11वीं के छात्रों को खुद ही अगली कक्षा में प्रवेश मिल जाएगा। इसके लिए छात्रों को आवेदन करने की जरूरत नहीं होगी। स्कूलों के प्राचार्य बिना बच्चों का नाम अगली कक्षा के रजिस्टर में दर्ज कर देंगे। जो स्कूल 5वीं और 8वीं तक हैं, वे अपने छात्रों के नाम उच्च प्राथमिक व माध्यमिक स्कूलों को भेजेंगे।

11वीं के स्तर पर स्ट्रीम की स्वतंत्रता, इसलिए आवेदन जरूरी

कक्षा 11वीं के स्तर पर छात्रों को सब्जेक्ट लेने की स्वतंत्रता है। ऐसे में उन्हें 10वीं के बाद सीधे एडमिशन देना संभव नहीं है। इसे देखते हुए 11वीं में प्रवेश के लिए निःशुल्क एडमिशन फार्म स्कूलों के काउंटर पर 31 अगस्त तक मिलेंगे और जमा किए जा सकेंगे। फार्म भरकर जमा करने के आधार पर ही छात्रों को एडमिशन और सब्जेक्ट मिलेंगे। इस दौरान स्कूलों को कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए फार्म का वितरण करना होगा।

पहली कक्षा व प्रवासी मजदूरों के बच्चों की एडमिशन प्रक्रिया

प्रदेश के सभी प्राथमिक विद्यालय के प्रधान अध्यापक उनके क्षेत्र में आने वाले आंगनबाड़ियों के रजिस्टर से बच्चों की सूची बनाएंगे। इस सूची में 6 साल की उम्र पूरी करने वाले बच्चों को शामिल कर बिना आवेदन कक्षा पहली में प्रवेश दिया जाएगा। वहीं अन्य राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों के बच्चों की सूची पहले ही क्वारैंटाइन सेंटर में बनवाई गई थी। इसी आधार पर बच्चों को उनके गांवों में एडमिशन मिलेगा। इसकी जानकारी स्कूलों को उनके परिजनों को देनी होगी।