छत्तीसगढ़ में अब तक बर्ड फ्लू की आधिकारिक पुष्टि नहीं…..

0
88

रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब तक बर्ड फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। राज्य से जांच के लिए भेजे गए सेम्पल की रिपोर्ट निगेटिव आई है। संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि बर्ड फ्लू को फैलने से रोकने के लिए राज्य में हरसंभव एहतियाती उपाय किए जा रहे है। जिलों में कलेक्टर पोल्ट्री फार्म संचालकों की बैठक लेने के साथ ही उन्हें जैव सुरक्षा मानकों का पालन करने के साथ ही पोल्ट्री फार्माें में साफ-सफाई रखने के निर्देश दिए जा रहे है। जिला स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है और सर्विलांस टीम लगातार स्थिति पर निगरानी रख रही है।

संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं पोल्ट्री फार्म एवं कुक्कुट प्रक्षेत्रों में निरंतर निगरानी रखी जा रही है। रोजाना सैम्पल भी कलेक्ट भी किए जा रहे है। बर्ड फ्लू जांच हेतु छत्तीसगढ़ राज्य से अब तक 467 नमूने डब्ल्यूआरडीडीएल को भेजा गया है। बालोद जिले के गिधाली गांव में बीते दिनों में 274 कुक्कुट पक्षियों की असामान्य मृत्यु की जांच हेतु सैम्पल भोपाल भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट अपेक्षित है। बालोद जिले में असामान्य रूप से मृत पाए गए कौव्वों का जांच नमूना निगेटिव मिला है।

प्रदेश में इस रोग के प्रवेश को रोकने के लिए समस्त अंतर्राज्यीय सीमाओं, प्रदेश के सभी 1042 निजी बॉयलर, 42 लेयर तथा 12 ब्रीडर कुक्कुट व्यवसायियों, 7 शासकीय कुक्कुट फार्म एवं समस्त जिलों में अलर्ट जारी किया गया है। जिलों के संवेदनशील क्षेत्र जैसे मुर्गी बाजार, मुर्गी फार्म, जलाशय एवं जंगली व प्रवासी पक्षी दिखाई दिए जाने वाले क्षेत्रों में सतत निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं। जिलों को कड़ाई से जैव सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन तथा सभी चिड़ियाघर, जंगल सफारी, राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य में निरीक्षण कर निगरानी रखी जा रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य में एवियन इनफ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) का मामला प्रकाश में नहीं आया है। इस कारण किसी भी प्रकार से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि बर्ड फ्लू मुर्गियों में तीव्र गति से फैलने वाली विषाणु जनित एवं घातक बीमारी है।

बीमार मुर्गियों में दस्त होना, अंडे नहीं देना अथवा पतले छिलके का विकृत अंडा देना, सांस लेने में कठिनाइर्, मुंह व नाक से लार निकलना, सर्दी-खासी, चेहरा, गर्दन एवं आंखों में सूजन जैसे लक्षण पाए जाते हैं। इस रोग का संक्रमण प्रायः प्रवासी पक्षी के माध्यम से फैलता है। इसके अतिरिक्त बीमार पक्षियों के साथ या उसके मल-मूत्र, दाना-पानी, बर्तन के संपर्क से फैलता है। बर्ड फ्लू की पुष्टि होने पर बीमार एवं मृत पक्षियों को तुरंत मारकर गहरे गड्ढे में चूना डालकर दफन कर दिया जाना चाहिए।

कुक्कुट में होने वाली एक गंभीर एवं घातक बीमारी का नाम है एवियन इन्फलुईन्जा जिसे बर्ड फ्लू के नाम से जाना जाता है। इस बीमारी से अत्यधिक संख्या में मुर्गियों की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तथा यह रोग मनुष्यों में भी संक्रमित हो सकता है। भारत देश के 9 राज्यों गुजरात, केरल, महाराष्ट,ª मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा एवं दिल्ली में बर्ड फ्लू की पुष्टि की जा चुकी है इन राज्यों में मुख्यतः कौआ, बत्तख एवं मुर्गियों में बीमारी की पुष्टि हुई हैै।