मेडिकल के छात्रों के लिए सरकार देने जा रही है बड़ी राहत, एमएस-एमडी के लिए नीट पीजी से मिलेगी मुक्ति..

0
67

15 जुलाई 2019, नई दिल्ली। एमडी और एमएस पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने के इच्छुक छात्रों के लिए एक बड़ी राहत पहुंचाने वाली खबर है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने प्रस्तावित विधेयक में पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए नीट (एनईईटी) प्रवेश परीक्षा को खत्म करने की सिफारिश की है। मंत्रालय का कहना है कि एमबीबीएस के फाइनल नतीजे ही पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए पर्याप्त होंगे। इस संशोधन को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक के संशोधित मसौदे में शामिल कर लिया गया है, जिसे मंजूरी के लिए जल्द ही कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।

एनएमसी विधेयक में किया गया प्रस्ताव

  • सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के निदेर्शो पर विधेयक में इन संशोधनों को शामिल किया गया है।
  • ताजा एनएमसी विधेयक में किए गए बदलाओं के मुताबिक पूरे देश में साझा परीक्षा के रूप में आयोजित नेशनल एक्जिट टेस्ट (एनईएक्सटी) के आधार पर पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले होंगे।
  • इस तरह एमबीबीएस की फाइनल परीक्षा पास करने के बाद अभ्यर्थियों को पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए कोई दूसरी परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी।
  • इसके साथ ही छात्रों को एमबीबीएस की परीक्षा पास करने के बाद प्रैक्टिस करने के लिए भी किसी अन्य परीक्षा में बैठने की जरूरत नहीं होगी।

हालांकि एम्स के लिए देनी होगी प्रवेश परीक्षा

  • हालांकि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के पीजी पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए छात्रों को अलग से प्रवेश परीक्षा देनी होगी।
  • इसके अलावा डीएम/एमसीएच कोर्स में दाखिले के लिए भी नीट सुपर स्पेशियलिटी प्रवेश परीक्षा होती रहेगी।
  • एनएमसी विधेयक को 2017 में संसद में पेश किया गया था, लेकिन 16वीं लोकसभा का कार्यकाल खत्म होने के साथ ही यह विधेयक भी खत्म हो गया था।
  • गौरतलब है कि देश के 480 मेडिकल कॉलेजों में हर साल 80,000 छात्र एमबीबीएस पाठ्यक्रमों में दाखिला लेते हैं।
  • पीजी की 50,000 सीटें हैं, जिसके लिए हर साल लगभग 1.5 लाख छात्र प्रवेश परीक्षा देते है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here