नया मोबाइल 1 महीने में खराब हुआ, बदलकर दिया हुआ मोबाइल भी निकला खराब.. जिला उपभोक्ता फोरम ने लगाया रु. 30 हजार जुर्माना..

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दुर्ग। सोनी कंपनी के नये मोबाइल में खरीदे जाने के 1 महीने बाद वारंटी अवधि के दौरान तकनीकी समस्या आ गई, जिसे रिप्लेस करके दूसरा मोबाइल दिया गया और दूसरा मोबाइल भी खराब निकला, इसके बाद बदलकर तीसरा मोबाइल परिवादी को दिया गया और तीसरे मोबाइल में भी एक महीने में ही खराबी आ गई। मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट वाला मोबाइल बेचने और डिफेक्ट दूर नहीं कर पाने के लिये दुकानदार, सर्विस सेंटर एवं निर्माता कंपनी को जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता का जिम्मेदार माना और 30 हजार रुपये हर्जाना लगाया।

परिवाद के मुताबिक सेक्टर 7 भिलाई निवासी एन. रामाराव ने दुकानदार सेमीकंडक्टर वर्ल्ड सुपेला भिलाई से सोनी एक्सपीरिया एम 5 मोबाइल दिनांक 18 जुलाई 2016 को 25500 रुपये में खरीदा था, एक महीने बाद दिनांक 23 अगस्त 2016 को मोबाइल का कैमरा खराब हो गया, जिसके बाद परिवादी को दिनांक 22 सितंबर 2016 को उसी कंपनी का दूसरा मोबाइल बदल कर दिया गया और यह मोबाइल भी 26 सितंबर 2016 को खराब हो गया जिसकी शिकायत करने पर सर्विस सेंटर विकास इंटरप्राइजेस ने रिपेयरिंग हेतु मोबाइल रख लिया और 4 नवंबर 2016 को बदलकर फिर एक मोबाइल परिवादी को दिया, यह मोबाइल भी उपयोग करते समय गर्म होकर बंद हो जाता था, जिसकी शिकायत करने पर सर्विस सेंटर ने मोबाइल जमा कर लिया और कोई समाधान नहीं किया।

प्रकरण में दुकानदार सेमीकंडक्टर वर्ल्ड ने कोई जवाब पेश नहीं किया लेकिन सर्विस सेंटर विकास इंटरप्राइजेस और निर्माता कंपनी सोनी इंडिया ने प्रकरण में उपस्थित होकर यह बचाव लिया कि परिवादी द्वारा जब भी शिकायत की गई तब सर्विस सेंटर द्वारा तुरंत कार्यवाही करते हुये परिवादी की समस्या का समाधान निःशुल्क किया गया। अनावेदकगण नया हैंडसेट फुल वारंटी के साथ देने को तैयार हैं।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये एवं लता चंद्राकर ने सर्विस सेंटर के जवाब एवं प्रकरण में पेश दस्तावेजों के आधार पर यह पाया कि परिवादी के मोबाइल में खरीदी पश्चात वारंटी अवधि में ही गंभीर तकनीकी एवं निर्माणगत त्रुटि की समस्या आई थी, जिसके चलते दो बार मोबाइल बदलकर दिया गया और दोनों बार बदल कर दिए गए मोबाइल भी खराब निकले, तीसरी बार जब मोबाइल खराब हुआ तो अनावेदकगण ना तो उसकी खराबी दूर करने के प्रति गंभीर थे और ना ही उन्होंने परिवादी को बदलकर नया मोबाइल दिया, यह व्यवसायिक कदाचार है।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये एवं लता चंद्राकर ने मोबाइल की कीमत रु. 24225, मानसिक क्षतिपूर्ति स्वरूप रु. 5000, तथा वाद व्यय के रूप में रु. 1000 कुल मिलाकर राशि रु. 30225 अनावेदकगण पर हर्जाना लगाते हुए एक माह के भीतर 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित परिवादी को अदा करने का आदेश दिया।