मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह की मुश्किलें बढ़ी, एक ही रात में EOW और एसीबी ने दर्ज की FIR, जानिए इस बार क्यों हुआ अपराध दर्ज

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12 फरवरी 2019, रायपुर। नान घोटला मामले में निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह की मुश्किलें खत्म होने का नाम ले रही हैं। दोनों अधिकारियों के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई है। सोमवार देर रात एसीबी और ईओडब्ल्यू ने अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की है।

  • देर रात जो ACB और EOW ने एक और एफआईआर की है, उसका क्राईम नंबर है 07/2019. इस मामले में भी कमोबेश वही धाराएँ और आरोप है जो कि पिछली FIR में हैं।
  • जो धाराएँ लगी है उसका अर्थ है कि किसी प्रकरण में लोक सेवक होते हुए मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह ने लोक सेवक के पदीय दायित्वों के तहत कार्य नही किया, जो कार्यवाही की उससे किसी को लाभ पहुँचाने के लिए पदीय दायित्वों के दुरुपयोग किया, अदालत मे झूठा साक्ष्य प्रस्तुत किया और वास्तविक साक्ष्य को गायब कर दिया, एफआईआर के अनुसार मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह पर आरोप है कि उन्होने दस्तावेज़ो में कूट रचना की और इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरण का सहारा लिया या कि उनसे छेड़छाड़ की।
  • मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के खिलाफ हालिया दिनों में वीरेंद्र पांडेय ने शिकायत की थी कि, पैसे लेकर अपराध को दर्ज करने या ना करने का निर्धारण करते थे, कई बार पैसे लेने पर एफआईआर तक फाड़ दी जाती थी, विरेंद्र पांडेय ने करीब सप्ताह भर पहले अभिलेख समेत शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपी थी, वहीं दो अन्य शिकायतें ननकी राम कँवर ने भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपी थी।
  • एक शिकायत उस आलोक अग्रवाल की ओर से भी लंबित थी जिन पर आय से अधिक की संपत्ति का मामला दर्ज हुआ और वे पंक्तियों के लिखे जाने तक जेल में हैं।

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