बैकडोर से एंट्री वाले अधिकारियों को आईपीएस अवार्ड होने से छत्तीसगढ़ के स्थानीय अफसरों को होगा बड़ा नुकसान.. 6 अफसरों को होना है आईपीएस आवार्ड…

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रायपुर। राज्य की पिछली सरकार में बैक डोर से एंट्री पाए तीन पुलिस अधिकारियों को यदि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) आवार्ड होता है तो इससे छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस सेवा के स्थानीय अफसरों को बड़ा खामियाजा पूरी सर्विस लाइफ में भुगतना पड़ सकता है।

गौरतलब है कि राज्य पुलिस सेवा से इस वर्ष छह अफसरों को आईपीएस अवार्ड होना है । इसमें तीन ऐसे अफसरों का नाम भी आवार्ड के लिए भेजा जा रहा हैं जिनकी पिछली रमन सरकार में बैक डोर से एंट्री हुई है। इनमें एक बीएसएफ के अधिकारी है और दो मध्यप्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा से संविलियन में छत्तीसगढ़ आये है। बाहर से आये इन तीनों ही अधिकारियों के आईपीएस आवार्ड होने से राज्य पुलिस सेवा के स्थानीय छत्तीसगढ़िया अधिकारियों को काफी नुकसान होगा, जिसे लेकर राज्य पुलिस सेवा संघ के अधिकारियों में काफी असन्तोष है और इसे लेकर उन्होंने कड़ी आपत्ति भी दर्ज कराई है और सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।

बीएसएफ कैडर से वर्ष 2010 में संविलियन में छत्तीसगढ़ आए अधिकारी को तत्कालीन सरकार ने न केवल सीधे एडिनल एसपी बना दिया बल्कि उन्हें राज्य गठन के पूर्व वर्ष 1997 कैडर आबंटित किया गया है जिसको लेकर भी विवाद है जबकि उनका डीएसपी पद पर संविलियन किया जाना था।

इसी तरह मध्यप्रदेश से आये दो अधिकारियों के संविलियन से भी डीएसपी कैडर के राज्य के साढ़े चार सौ से ज्यादा अधिकारियों का हित प्रभावित हो रहा है।

बैकडोर से आये ये तीनों ही अधिकारी पिछली सरकार में भी मजे से रहे हैं और अब आईपीएस आवार्ड के लिये इनका नाम भेजा जा रहा है। इसे लेकर राज्य पुलिस सेवा के छत्तीसगढ़ के स्थानीय अधिकारी अपने भविष्य को लेकर ठगा सा महसूस कर रहे हैं।