01 जून 2019, रायपुर। प्रदेश सरकार ने छह माह पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व वकील कनक तिवारी को महाधिवक्ता बनाया था, लेकिन शुक्रवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान दिया कि तिवारी ने महाधिवक्ता पद से इस्तीफा दे दिया है और उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है।
इधर आधी रात को अतिरिक्त महाधिवक्ता सतीशचंद वर्मा को महाधिवक्ता बनाए जाने का आदेश भी जारी कर दिया गया, जबकि कनक तिवारी अब भी इस बात पर अड़े हैं कि उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है। उन्होंने चुनौती दी है कि उनका इस्तीफा सरकार दिखा दे। तिवारी ने कहा कि उन्हें पैरवी नहीं करने दी जाती थी। जिन बड़े मामलों में आरोपियों को जमानत मिली है, उसमें उन्होंने पैरवी नहीं की है।
वहीं महाधिवक्ता कनक तिवारी के इस्तीफे मामले में भाजपा की तरफ से पहली प्रतिक्रिया आई है। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन ने सिंह ट्वीट कर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. सिंह ने लिखा कि ”प्रदेश में सरकार द्वारा संवैधानिक संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। महाधिवक्ता कनक तिवारी जी व राजभवन ने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है तो मुख्यमंत्री जी बतायें कि उन्होंने किस प्रकार महाधिवक्ता का इस्तीफा स्वीकृत किया है?”
उसके बाद बीजेपी छत्तीसगढ़ ने भी ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा है।