मुश्किल में कमलनाथ सरकार.. कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह ने दिया इस्तीफा.. लापता 4 विधायको में से एक हैं हरदीप…

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भोपाल 5 मार्च, 2020। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार पर चार दिनों से छाए संकट के बादल छंटने का नाम नहीं ले रहे हैं। एक दिन पहले थोड़ी राहत मिलने के बाद गुरुवार को फिर सियासी संग्राम तेज हो गया। कांग्रेस के एक विधायक के इस्तीफा दे देने से कमलनाथ सरकार पर संकट फिर गहरा गया है।

मध्य प्रदेश के सत्तापक्ष के लापता 4 विधायकों में से एक हरदीप सिंह डंग ने अपना इस्तीफा स्पीकर एनपी प्रजापति और मुख्यमंत्री कमलनाथ को भेजा है। डंग तीन दिन से लापता थे। अपने इस्तीफे में डंग ने लिखा कि वे अपने विधानसभा क्षेत्र की अनदेखी से दुखी हैं। उन्होंने लिखा, “न मैं कमलनाथ गुट का हूं, न दिग्विजय सिंह और न ही सिंधिया गुट का हूं। मैं सिर्फ कांग्रेस का कार्यकर्ता हूं। इसलिए मुझे परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।” सूत्रों का कहना है कि अभी कुछ और विधायक भी इस्तीफा दे सकते हैं।

उधर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान दिल्ली और भाजपा नेता अरविंद भदौरिया बेंगलुरु में मोर्चा संभाले हुए हैं। इस बीच निर्दलीय विधायकों के आक्रामक तेवर व कांग्रेस नेताओं को उनकी ओर से दी जा रही चेतावनी ने सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री कमलनाथ को डैमेज कंट्रोल के लिए खुद मैदान में उतरना पड़ा है। नाराज विधायकों को वे खुद मना रहे हैं। सियासी उलझन के बीच उन्होंने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक भी बुलाई है।

हरदीप डंग कर्जमाफी के तरीके से नाराज थे

मंदसौर के सुवासरा से दूसरी बार विधायक बने हरदीप सिंह डंग ने इस्तीफे में लिखा, “सरकार बनने के 14 महीने बीतने के बाद भी मेरे विधानसभा क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है। मंत्री काम करने के लिए तैयार नहीं हैं। दलाल और भ्रष्टाचारी सरकार में बैठे हैं।” करीबियों की मानें तो डंग सरकार के मुआवजा वितरण के तरीके को लेकर नाराज थे। 19 फरवरी को सीतामऊ में हुए कर्जमाफी के दूसरे चरण के सम्मेलन में भी प्रभारी मंत्री हुकुमसिंह कराड़ा की मौजूदगी में ही डंग ने ऐलान किया था कि किसानों की समस्याएं नहीं सुनी जा रही हैं और इसके लिए मंदसौर में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। डंग ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का भी समर्थन किया था।

विधानसभा अध्यक्ष बोले- मैं नियमानुसार कदम उठाऊंगा

विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कहा- मुझे सुवासरा विधायक हरदीप सिंह ढंग के इस्तीफा देने की खबर मिली है। उन्होंने मुझसे प्रत्यक्ष रूप से मिलकर इस्तीफा नहीं सौंपा है। जब वे प्रत्यक्ष रूप से मुझसे मिलकर इस्तीफा सौपेंगे तो मैं नियमानुसार उस पर विचारकर आवश्यक कदम उठाऊंगा।

विधानसभा में इस्तीफा देने का नियम

नियमानुसार विधायक स्वयं अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपता है। इसके बाद अध्यक्ष उसे अस्वीकार कर सकता है या लंबित रख सकता है। विधायक दोबारा अपनी बात दोहरता है तो उसे एक बार फिर से सोचने का मौका देते हैं। लेकिन, इस हालत में विधायक पार्टी की व्हिप मानने और सदन की कार्यवाही में भाग लेने बाध्य नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा- विधायक के इस्तीफे की खबर मिली

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा- हरदीप सिंह ढंग हमारी पार्टी के विधायक हैं। उनके इस्तीफा देने की खबर मिली है। लेकिन, मुझे अभी तक उनका इस संबंध में ना तो कोई पत्र प्राप्त हुआ है, ना उन्होंने मुझसे अभी तक इस संबंध में कोई चर्चा की है और ना प्रत्यक्ष मुलाकात की है। जब तक मेरी उनसे इस संबंध में चर्चा नहीं हो जाती, तब तक इस बारे में कुछ भी कहना ठीक नहीं होगा।

जन्मदिन के बाद से डंग का फोन बंद

2 मार्च को डंग का जन्मदिन था। वे इस दिन सुबह से शाम तक सुवासरा व शामगढ़ में कार्यक्रमों में शामिल हुए। शाम छह बजे हमेशा की तरह मां के पैर छूकर पत्नी से बोले कि दौरे पर जाकर आता हूं। उसके बाद से उनका मोबाइल बंद है।

एक विधायक की गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज

कांग्रेस के एक अन्य लापता विधायक कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह के बेटे ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भोपाल में दर्ज करवाई है। हरदीप और बिसाहूलाल के अलावा रघुराज कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा भी 3 दिन से लापता हैं।

कमलनाथ बोले- मुझे पता हैं किस विधायक को धनराशि की पेशकश हुई

कमलनाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि कांग्रेस विधायकों ने भाजपा नेताओं के धनराशि देने के प्रस्ताव की जानकारी उन्हें उपलब्ध कराई है। मुख्यमंत्री ने भोपाल में एक कार्यक्रम से इतर कहा-विधायकों ने मुझे बताया कि उन्हें काफी धनराशि देने का प्रस्ताव मिला है, मैंने विधायकों से कहा है कि अगर मुफ्त में यह पैसा मिल रहा है तो वे इसे ले लें।

निर्दलीय विधायक ने कहा- मेरे पास विकल्प हैं..

मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार में शामिल एक निर्दलीय विधायक प्रदीप जायसवाल ने कहा था कि जब तक कमलनाथ की सरकार है, तब तक मैं उनके साथ हूं। आगे उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर सरकार गिर जाती है तो मेरे विकल्प खुले रहेंगे। मैं अपने विधानसभा क्षेत्र की जनता के हित को ध्यान में रखते हुए फैसला लूंगा।

मध्य प्रदेश के ताजा राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर बुधवार को कांग्रेस ने दावा किया था कि बीजेपी काले धन के जरिए कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह सफल नहीं होगी। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने यह आरोप भी लगाया कि यह सब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के इशारे पर हो रहा है।