जयपुर सिरियल ब्लास्ट: साढ़े 11 साल बाद चारों आतंकी दोषियों को फांसी की सजा.. रहम की भीख मांगते रहे आतंकी..

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जयपुर 20 दिसंबर, 2019। आखिरकार साढ़े 11 साल बाद जयपुर को इंसाफ मिल गया। जयपुर के परकोटा इलाके में 13 मई, 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट से दहलाने वाले गुनाहगारों को विशेष कोर्ट के जज अजय कुमार शर्मा प्रथम ने शुक्रवार को सजा सुनाया है। विशेष कोर्ट ने चारों दोषियों फांसी की सजा सुनाई गई है। जबकि एक आरोपी शहबाज हुसैन को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।

गुरुवार को ब्लास्ट मामलों के विशेष कोर्ट में चारों मोहम्मद सैफ उर्फ करीऑन, सरवर आजमी, सैफुर उर्फ सैफुर्रहमान और मोहम्मद सलमान को पेश किया गया था। सरकारी वकील ने मामले को दुर्लभतम मानते हुए चारों को फांसी की सजा देने की मांग की थी। करीब आधा घंटे की बहस के दौरान चारों परेशान दिखे। मई 2008 को परकोटे में 8 जगहों पर सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। इनमें 71 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 185 जख्मी हुए थे।

दोषियों को अच्छे परिवार का बताया

सबसे पहले मोहम्मद सैफ की सजा के बिंदुओं पर बहस हुई। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि दोषी युवा है। अच्छी फैमिली से है। पूरे परिवार का बेदाग बैकग्राउंड है। कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं है। 11 साल जेल में बिता चुका हैं और उसके खिलाफ कोई सीधा साक्ष्य भी नहीं है। एमए फाइनल इयर का स्टूडेंट रहा है। वह अच्छी नौकरी कर रहा था। वह किसी गलत संगठन का सदस्य भी नहीं है, लिहाजा रियायत दी जाए।

कोर्ट ने मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान, सरवर आजमी और मोहम्मद सलमान को हत्या, राजद्रोह और विस्फोटक अधिनियम के तहत दोषी पाया था। इस मामले में कुल 13 लोगों को पुलिस ने आरोपी बनाया था। 3 आरोपी अब तक फरार हैं जबकि 3 हैदराबाद और दिल्ली की जेल में बंद हैं। बाकी बचे दो गुनहगार दिल्ली में बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।

हमारी आंखों के सामने दरिंदों को फंदे पर लटकाएं: पीड़ित के परिजन

पीड़ित परिजन ने चारों दोषियों को आंखों के सामने फांसी पर लटकाने की गुहार लगाई है। दोषियों ने शहर में बम धमाके करने के लिए जिन जगहों और दुकानदारों से साइकिलें खरीदी थीं, उन्होंने उनकी पहचान की थी।

बम ब्लास्ट केस में 8 केस दर्ज किए गए

13 मई 2008 की शाम परकोटा इलाके में 12 से 15 मिनट के अंतराल में चांदपोल गेट, बड़ी चौपड़, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, जौहरी बाजार और सांगानेरी गेट पर बम धमाके हुए थे। पहला ब्लास्ट खंदा माणकचौक, हवामहल के सामने शाम 7:20 बजे हुआ था, फिर एक के बाद एक 8 धमाके हुए। बम ब्लास्ट केस में 8 केस दर्ज किए थे। अभियोजन की ओर से मामले में 1293 गवाहों के बयान कराए थे।

कोर्ट ने इंडियन मुजाहिदीन को सीरियल ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार माना

कोर्ट ने सीरियल ब्लास्ट के लिए आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) को जिम्मेदार माना है। साथ ही, बाटला मुठभेड़ में मारे गए दोनों आतंकियों को भी कोर्ट ने दोषी करार दिया, इसमें आतिफ अमीन को ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता माना है।

कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा कि जेहाद की आड़ में जेहादी मानसिकता से विस्फोट किए गए। यह मानसिकता यहीं नहीं थमी। इसके बाद अहमदाबाद और दिल्ली में भी विस्फोट किए गए।