INX Media case: पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम को मिली बड़ी राहत, 106 दिन जेल में रहने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त दी जमानत…

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4 दिसंबर 2019 नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग केस में बुधवार को सशर्त जमानत दे दी है। इस केस की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ED) कर रहा है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि चिदंबरम बिना इजाजत के देश से बाहर नहीं जा सकते और न ही गवाहों को प्रभावित या सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के 15 नवंबर को दिये उस फैसले को पलट दिया जिसमें पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम को जमानत देने से इनकार किया गया था। पी. चिदंबरम को सीबीआई ने आईएनएक्स भ्रष्टाचार मामले में 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था। वे 105 दिन से जेल में बंद हैं।

2 लाख का बॉन्ड देना होगा

जस्टिस आर भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने 74 वर्षीय चिदंबरम को 2 लाख रुपये के पर्सनल बॉन्ड पर जमानत दी है। बेंच में जस्टिस ए एस बोपन्ना और ऋषिकेश रॉय भी शामिल थे। बेंच ने चिदंबरम को किसी प्रेस इंटरव्यू या मामले से जुड़े कोई भी बयान देने से भी रोक लगाई है।

प्रवर्तन निदेशालय ने 16 अक्टूबर को चिदंबरम को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अक्टूबर को सीबीआई द्वारा दाखिल आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार केस में उन्हें जमानत दे दी थी।

क्या है INX मीडिया केस ?

CBI ने 15 मई 2017 को एक प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये का विदेशी धन प्राप्त करने के लिए मीडिया समूह को दी गयी FIPB मंजूरी में अनियमितताएं हुईं थीं। इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2018 में इस संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।

वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम का पक्ष रखा । प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में कहा कि चिदंबरम कस्टडी में रहते हुए भी गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। दूसरी तरफ, चिदंबरम ने कहा कि एजेंसी झूठे आरोप लगाकर उनके करियर और इज्जत को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है।