भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्‍त्री फिर बने,क्रिकेट एजवाइजरी कमिटी ने दी जानकारी..

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16 अगस्त 2019 ,मुंबई। रवि शास्‍त्री (Ravi Shastri) को फिर से भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team ) को कोच चुना गया है।  कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (CAC) ने रवि शास्त्री को मुख्य कोच पद पर बरकरार रखने का फैसला किया।सीएसी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में यह जानकारी दी।    वर्तमान हेड कोच रवि शास्त्री को एक बार फिर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

शास्त्री का नया कार्यकाल 2021 टी20 विश्व कप तक रहेगा। बीसीसीआई के मुंबई स्थित हेडक्वार्टर में सीएसी के अध्यक्ष कपिल देव और अन्य सदस्यों, पूर्व कोच अंशुमान गायकवाड तथा शांथा रंगासामी ने शॉर्ट लिस्ट किए गए 6 उम्मीदवारों से 5 का साक्षात्कार लेने के बाद रवि शास्त्री के नाम पर मुहर लगाई। 

रवि शास्त्री को कोच बनाए रखने के पक्ष में थे विराट कोहली
रवि शास्त्री ने भारत के लिए 80 टेस्ट और 150 वनडे खेले हैंं। इसके अलावा वह पिछले तीन वर्षों से टीम इंडिया के हेड कोच हैं।

इसके पहले भी वह करीब दो वर्षों तक टीम इंडिया के डायरेक्टर के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं। रवि शास्त्री की निगरानी में भारतीय टीम को आईसीसी टूर्नामेंट्स के नॉक आउट मुकाबलों में कई बार हार का सामना करना पड़ा।

जिसमें 2017 के आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के हाथों हार, 2016 के टी20 विश्व कप सेमीफाइनल में वेस्ट इंडीज के हाथों हार और 2019 के वनडे विश्व कप सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों हार प्रमुख हैं। लेकिन उनकी निगरानी में ही भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में जाकर पहली बार टेस्ट सीरीज जीतने का कारनामा किया। इसके अलावा कप्तान विराट कोहली ने भी रवि शास्त्री को कोच बनाए रखने का पुरजोर समर्थन किया था।

रवि शास्त्री ने अन्य 5 उम्मीदवारों को पछाड़ मार ली बाजी
टीम इंडिया के हेड कोच पद के लिए बीसीसीआई ने जो पैमाना निर्धारित किया था उसके मुताबिक आवेदन करने वाले उम्मीवार को कम से कम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 30 टेस्ट और 50 वनडे मैचों का अनुभव होना जरूरी था।

लेकिन माइक हेसन के मामले में इस नियम को नजरंदाज किया गया। हेसन ने कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट नहीं खेला है, लेकिन उन्होंने न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम को अपनी कोचिंग में कई अहम सफलताएं दिलाईं। इस बारे में बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया है कि हेड कोच पद के लिए निर्धारित पैमाने को इसलिए नजरअंदाज किया गया क्योंकि हमने कोचिंग अनुभव को ज्यादा तरजीह दी।

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