16 जून 2019, भिलाई। निर्यातकर के विरोध में उद्योग चैम्बर की एक आवश्यक बैठक हुई। इस बैठक में सभी पदाधिकारियों ने एक स्वर से निर्यातकर का विरोध किया और इस अनावश्यक कर से मुक्ति के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल व जिलाधीश अंकित आनंद को ज्ञापन देकर इस कर को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा गया।
छत्तीसगढ़ शासन के आदेश पर नगर निगम भिलाई द्वारा भिलाई की सभी औद्योगिक इकाइयों पर फिर एक नए कर का बोझ लादा जा रहा है। निर्यातकर के नाम पर सभी इकाइयों से निगम क्षेत्र से बाहर भेजे गए माल का विवरण मांगा जा रहा है व निर्यातकर अदा करने का नोटिस सभी उद्योगों को दिया जा रहा है।
बैठक में उद्योग चैम्बर भिलाई के अध्यक्ष जेपी गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में उद्योग जगत वैसे ही आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है।अभी नोटबंदी एवं जीएसटी से ही उद्योग उबर नहीं पाए हैं और शासन ने ये नया निर्यातकर लगाकर उद्योग जगत की अर्थ व्यवस्था में ब्रेकर लगा दिया है। सूक्ष्म, लघु व मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों पर यह निर्यातकर लगाना एक निंदनीय कार्य है। उद्योग चैम्बर शासन के इस फैसले का विरोध करता है और निगम आयुक्त से निवेदन करता है कि निर्यातकर लेने का निर्णय वापस लें और उद्योग जगत के लिए सही नीति निर्धारण कर उद्योगों के विकास में सहयोग करें।
बैठक में उद्योग चैंबर के संरक्षक केके झा, नरसिंग कुकरेजा, अध्यक्ष जेपी गुप्ता, वायर ड्राइंग इंडस्ट्री के प्रदेश अध्यक्ष महेश बंसल, उद्योग चैम्बर के करमजीत बेदी, राजेश मखीजा, बृजमोहन अग्रवाल, हरीश मुदलियार, मयूर कुकरेजा, विनोद सोनी, अंजन गुप्ता, पवन अग्रवाल, अनुपम पांडे, वरुण गंधोक, भोलानाथ सेठ, हरीश शर्मा, शंकर सचदेव आदि उपस्थित रहे।