टी20 विश्व कप को लेकर आईसीसी की हुई बैठक, जानिए क्या हुआ फैसला…

0
101

कोरोना वायरस महामारी के कारण इस साल अक्टूबर में प्रस्तावित टी20 विश्व कप का आयोजन हो पाएगा या नहीं इस पर अभी तक स्थिति साफ नहीं हो पाई है. बुधवार को आईसीसी की बैठक में इस पर फैसला होना था. बुधवार को हुई बैठक में भी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है और आईसीसी ने कहा है कि वो विश्व कप के भाग्य का फैसला अब अगले महीने जुलाई में करेगी और तब तक स्थिति का आंकलन करेगी. बता दें, इस साल अक्बूटब और नवंबर के बीच आईसीसी टी20 विश्व कप का आयोजन होना है.

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी मनु साहनी ने वीडियो कांफ्रेंस से हुई बोर्ड बैठक के बाद बयान में कहा,”हमें इस पर फैसला करने के लिये केवल एक मौका मिलेगा और यह सही होना चाहिए. हम अपने सदस्यों, प्रसारकों, साझीदारों, सरकारों और खिलाड़ियों से सलाह लेना जारी रखेंगे ताकि सुनिश्चित हो कि हम एक उचित फैसला करें.”

आखिर क्यो आईसीसी नहीं कर पा रही फैसला

बीते महीने ऐसी मीडिया रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि आईसीसी इस साल विश्व कप को स्थगित करने का मन बना चुका है. लेकिन फिर उसके बाद स्थिति काफी तेजी से बदलती चली गई. क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने गर्मियों के कार्यक्रम का ऐलान किया तो उसमें उन्होंने विश्व कप के लिए विंडो छोड़ी. माना गया कि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया विश्व कप को लेकर आश्वस्त है. इस ऐलान के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ ने बयान दिया कि इस साल विश्व कप का आयोजन होना काफी मुश्किल है. लेकिन बीते दिनों ही ऑस्ट्रेलिया के खेल मंत्री मे स्पोर्टस्टार से बातचीत में कहा कि ऑस्ट्रेलिया में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम हो रही है, और ऐसे में उनके देश में अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का आयोजन हो सकता है और स्थिति प्रतिकूल रही तो दर्शकों को भी स्टेडियम में अनुमति दी जाएगी.

दरअसल, आईसीसी इस उम्मीद में है कि अगर समय रहते ऑस्ट्रेलिया कोरोना महामारी को हरा देता है तो ऐसी स्थिति में वहां पर विश्व कप का आयोजन हो सकता है. दूसरी तरफ आईसीसी उन तमाम विकल्प पर चर्चा कर रहा है कि अगर स्थिति सामान्य नहीं होती है तो क्या होगा. यानि आईसीसी अभी समय लेना चाहता है और उम्मीद की जा सकती है कि जुलाई में होने वाली बैठक में शायद कोई फैसला निकलें, क्योंकि विश्व कप के कार्यक्रम के अनुरूप ही कई देशों ने अपने कार्यक्रम तय किए हैं औैर अगर विश्व कप स्थगित होता है तो उन सदस्य देशों को अपने कार्यक्रम उस अनुसार एक बार फिर से बनाने होंगे और इसमें समय लग सकता है.