सारे चराग मैने लहू से जलाये हैं.. जुगनू पकड़ के घर में उजाला नहीं किया..

0
130

वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडेय की कलम से

छत्तीसगढ़ के पारंपरिक लोक खेल, लोक संस्कृति, लोक नृत्य को राजधानी के सबसे बड़े मंच पर सामूहिक मंचन करने की एक योजना प्रदेश के छत्तीसगढिय़ा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बनाई थी और राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के इस सफल आयोजन के मुख्य कर्ताधर्ता बने युवा मंत्री उमेश पटेल खेल, युवा मामले के प्रमुख कोमल सिद्धार्थ परदेशी और खेल संचालक श्वेता सिन्हा। वैसे इस महोत्सव से एक बात तो साफ हो गई कि छग के पारंपरिक खेल, संस्कार को अब संरक्षण मिलना शुरू गया है। रायपुर में कभी कलेक्टर रह चुके कोमल सिद्धार्थ परदेशी ने युवा स्तरीय महोत्सव के पहले सफल आदिवासी राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय नृत्य समारोह कर वाहवाही लूटी थी जब देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी नृत्य समूहों ने अपने पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया वहीं कुछ अंतर्राष्ट्रीय टीमों ने भी आकर अपने देशों के प्राचीन पारंपरिक नृत्य प्रस्तुत किया था। अब हर साल आदिवासी नृत्य समारोह होगा वहीं इस बार छत्तीसगढ़ के समस्त जिलों के युवाओं (लगभग 7000) को एकत्रित कर पारंपरिक खेल, नृत्य, आदिम कला, नाटक, वाद विवाद आदि 3 दिवसीय महाकुंभ आयोजित कर एक रिकार्ड बनाया है। इस युवा महोत्सव में खेल संचालक श्वेता सिन्हा का भी पूरा सहयोग मिला। तेज तर्रार अपराधियों पर खौफ का पर्याय बनी श्वेता कभी राजधानी की यातायात व्यवस्था सुधारने सख्त, किसी की भी नहीं सुनने वाली पुलिस अधिकारी के रूप में चर्चित रही थी पर इस आयोजन में उनकी नई भूमिका दिखी, छत्तीसगढ़ी खेल, परंपराओं की देखभाल उन्हें मंच प्रदान करने वाली एक पालक के रूप में वे परिलक्षित हुई। वैसे काफी लोगों को पता नहीं होगा कि मूल छत्तीसगढिय़ा श्वेता के पिता पीडब्लुडी के सबसे बड़े अफसर के रूप में सेवानिवृत्त हुए हैं तो एक छोटा भाई पीलीभीत (उप्र) में कलेक्टर हैं। पति तारण प्रकाश सिन्हा तो सहआयुक्त तथा संचालक जनसंपर्क के पद पर कार्यरत होकर सरकार की छवि बनाने प्रयत्नरत हैं। बहरहाल इतने अच्छे आयोजन की सफलता को देखकर ही राज्यपाल सुश्री अनसुइया उइके ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को मंच से ही बधाई दे दी तो मुख्यमंत्री ने भी समापन पर मंच से ही इस सफल आयोजन के लिए अफसरों को बधाई हीनहीं बल्कि इस आयोजन को हर साल 3 दिन करने की घोषणा भी की। वैसे मुख्यमंत्री ने खेल प्राधिकरण की घोषणा करके भी एक बड़ा कदम उठाया है। यह बताना भी जरूरी है कि खेल मंत्रालय और संचालनालय जल्दी ही एक एमओयू करने जा रहा है जो खेल-खिलाड़ी जगत के साथ ही राज्य के युवाओं के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

राज्यपाल का अभिभाषण और बहिगर्मन….

126 वें संविधान संशोधन के तहत केन्द्र सरकार के अनुसूचित जाति-जनजाति आरक्षण की सीमा 10 साल के लिए बढ़ाने के निर्णय के मद्देनजर छग विधानसभा में एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाने तथा भाजपा विधायक दल के राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार कर बहिर्गमन तथा फिर सदन की कार्यवाही में शामिल होने को लेकर चर्चा तेज है। भाजपा केवल 14 विधायकों में छग में सिमट गई है ऐसे समय में राज्यपाल के अभिभाषण के समय बर्हिगमन आपसी गुटबाजी ही मानी जा रही है। एक दिन का सत्र बुलाने नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की सहमति थी, राज्यपाल अनसुइया उइके को आसंदी तक ले जाते समय भी विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत, नेता पक्ष तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक मौजूद थे फिर राज्यपाल का अभिभाषण 2 मिनट लगभग चला और उसी दौरान भाजपा के विधायक सदन से बहिगर्मन कर चले गये। भाजपा का तर्क है कि राज्यपाल का अभिभाषण साल में एक बार होता है तो यह अभिभाषण तो पहली बार ही हो रहा था दूसरे अभिभाषण में विरोध करते तो भी ठीक था, संशोधन प्रस्ताव पर चर्चा की बात है तो केन्द्र सरकार के प्रस्ताव पर अजा-जजा के आरक्षण को 10 साल बढ़ाने में किसी तरह के संशोधन की गुंजाइश भी लगभग नहीं थी। फिर बहिर्गमन का अच्छा असर अजा-जजा वर्ग पर भी अच्छा नहीं पड़ेगा। केवल राज्यपाल के 2 मिनट के अभिभाषण पर बहिगर्मन के पीछे भाजपा विधायक दल की मंशा ही समझ में नहीं आ रही है क्या इसके बाद भी राज्यपाल से संरक्षण की उम्मीद भाजपा कर सकती है…।

दो एसीएस बने…

राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के 2 वरिष्ठ अफसर रेणु जी पिल्ले तथा सुब्रत साहू को पदोन्नत कर अतिरिक्त मुख्य सचिव बना दिया है। इनको मिलाकर अब त्तीसगढ़ में मुख्य सचिव आर.पी. मंडल को मिलाकर 4 अतिरिक्त मुख्य सचिव हो जाएंगे। अब मंडल को छोड़कर अमिताभ जैन, रेणु पिल्ले, सुब्रत साहू मंत्रालय में हो गये हैं ज्ञात रहे कि एक अन्य एसीएस चितरंजन खेतान को मुख्य सचिव मंडल का बैंचमेट होने के कारण मंत्रालय से बाहर कर राजस्व मंडल का प्रभारी बनाया गया है। ज्ञात रहे कि छत्तीसगढ़ कॉडर के 2 आईएएस तथा अतिरिक्त मुख्य सचिव बी.बी.आर सुब्रमणयम अंतर्राज्यीय प्रतिनियुक्ति पर जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव के रूप में कार्यरत हैं तो बैजेन्द्र कुमार एनएमडीसी में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। वैसे एसीएस की पदोन्नति के लिए 30 वर्ष की सर्विस जरूरी है क्योंकि एसीएस का पद मुख्य सचिव संवर्ग में आता है पर मंत्रालय में एक ही एसीएस बचने के कारण राज्य सरकार ने भारत सरकार से अनुमति मांगी थी पर एक माह से वहां कोई जवाब नहीं आया और भारतीय प्रशासनिक सेवा वेतन अधिनियम के अनुसार ऐसी स्थिति में राज्य सरकार को पदोन्नत करने का अधिकार मिल गया और राज्य सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया।

रेणु छग की दूसरी महिला एसीएस….

अविभाजित म.प्र. में आईएएस महिला अधिकारी निर्मला बुच के नाम मुख्य सचिव बनने का रिकार्ड अभी भी कायम है। 11 अक्टूबर 1935 को जन्मी निर्मला 1960 बैच की आईएएस थी और 31 अक्टूबर 93 को उन्होंने म.प्र. से बतौर मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्ति ली। वहीं सन 2000 में म.प्र. से अलग होकर छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था। छत्तीसगढ़ कॉडर लेने वाली डॉ. इंदिरा मिश्रा 69 बैच की आईएएस अफसर के रूप में छग में कार्यभार सम्हाला 7 सितंबर 45 को जन्मी डॉ. इंदिरा मिश्र ने 30 सितंबर 2005 को छग से बतौर अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुई थी। अभी तक किसी महिला अफसर के छग में एसीएस बनने का उनका रिकार्ड कायम था। ज्ञात रहे कि उनके पति सुयोग्य कुमार मिश्र छग के मुख्य सचिव भी बने थे। 31 अक्टूबर 2004 को वे सेवानिवृत्त हुए थे।

15 फरवरी 68 को जन्मी 91 बैच की आईएएस रेणु जी पिल्ले को अतिरिक्त मुख्य सचिव बनाया गया है, एसीएस बनकर उन्होंने छग की दूसरी महिला अफसर होने का रिकार्ड बनाया है। ज्ञात रहे कि अभी रेणु पिल्ले को फरवरी 2028 तक कार्य करना है। वैसे यह बताना जरूरी है कि रेणु जी पिल्ले के पिता आर.के. आर. गोनेला भी अंाध्रप्रदेश काडर के 63 बैच के आईएएस अफसर थे यानि रेणु दूसरी पीढ़ी में आईएएस अफसर बनी है। वैसे वे देश की 90 आईएएस अफसरों में 31 में से एक हैं जो केन्द्र में एडीशनल सेक्रेटरी एम्पेनल हुई है। 94 में रेणु का विवाह म.प्र. कॉडर के ही आईपीएस संजय पिल्ले के साथ हुआ था। 1988 बैच के आईपीएस संजय पिल्ले अभी छ.ग. में एडीजी जेल के पद पर कार्यरत हैं और डीपीसी के बाद उन्हें पुन: डीजी पदोन्नत किया जाना तय है। ज्ञात रहे कि एम डब्लु अंसारी के सेवानिवृत्ति के बाद ही इन्हें डीजी बन जाना था पर बाद में संजय के साथ आर के विज, मुकेश गुप्ता को एक साथ डीजी पदोन्नत किया गया पर केंद्र से कुछ तकनीकी दिक्कत, और मुकेश गुप्ता को निलंबित करने के कारण 2 डीजी को पुन: एडीजी बना दिया गया है। वैसे प्रमुख सचिव से एसीएस बने सुब्रत साहू भी दूसरी पीढ़ी के आईएएस हैं। इनके पिता सहदेव साहू ओडि़सा कॉडर के 1964 बैच के आईएएस थे। ज्ञात रहे कि सुब्रत साहू 5 जुलाई 68 को जन्मे हैं और 1992 बैच के आईएएस हैं और जुलाई 28 में सेवानिवृत्त होंगे।

रस्साकशी और चर्चा…

छत्तीसगढ़ युवा महोत्सव के शुभारंभ में राज्यपाल सुश्री अनसुइया उइके तथा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दोनों ही पहुंचे थे। शुभारंभ की औपचारिकता के बाद राज्यपाल और मुख्यमंत्री की अलग-अलग टीम के बीच रस्साकशी का प्रदर्शन मैच भी हुआ। राज्यपाल की टीम में मुख्य सचिव आर.पी.मंडल, पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी सहित सचिव और शीर्ष अधिकारी थे। तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की टीम में उनके विभागीय मंत्री तथा अन्य नेता शामिल थे। इस प्रदर्शन मैच में राज्यपाल की टीम ने मुख्यमंत्री की टीम रस्साकशी में अपनी ओर खींचने में सफल रही। चलो यह तो साबित हो गया कि राज्यपालकी टीम भारी हैं। वैसे छग में अच्छी बात यह है कि दोनों मुखिया राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री के बीच रस्साकशी की नौबत नहीं है जहां तक प्रशासन, पुलिस तथा वन विभाग के मुखियाओं की बात है तो तीनों साथ-साथ नजर आते हैं।

और अब बस….

  • एक बड़े प्रशासनिक अफसर का मंत्रालय सहित राजधानी से प्रेम छूटा नहीं है तभी तो किसी भी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को अपनी शक्ल दिखाने पहुंच जाते हैं।
  • एक बड़े पावरफूल प्रशासनिक अफसर की रवानगी की चर्चा तेज हैं इसमें कितनी हकीकत है इसका पता जल्दी चल जाएगा।
  • मुख्य सचिव के साथ 2 जिलों में पदस्थ रहने वाले एक अफसर तथा उनके स्कूल (बिलासपुर) कालेज (रायपुर) में उनके जूनियर रहने वाले दूसरे पुलिस अफसर पदोन्नति से क्यों दूर है।