तीन महिनों से टापू में फंसे सैकड़ों बंदर.. वन विभाग का रेस्क्यू जारी.. 325 मीटर लकड़ी के पुल से निकालने की हो रही कवायद..

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19 नवंबर 2019 कांकेर । छत्तीसगढ़ के कांकेर जिला स्थित दुधावा बांध के बीच बने टापू में बीते तीन महीने से सौ से अधिक बंदर फंसे हुए हैं। टापू के चारों तरफ पानी भरा हुआ है जिस वजह से बंदर वहां से निकल नहीं पा रहे थे।वनकर्मियों की नजर इन सभी पर पड़ी तब जाकर मामला प्रकाश में आया और इसके बाद बंदरों को बचाने का काम शुरू किया गया।बंदरों को यहां से निकालने के लिए पुल पर केले टांगे गए हैं। वहीं, इन्हें देखकर बंदर धीरे-धीरे टापू पर आने लगे हैं।

जानें कैसे टापू पर फंसे बंदर

बारिश के शुरुआती दिनों में दुधावा बांध का जल स्तर कम था, उस दौरान बंदरों का झुंड टापू पर पहुंचा। लेकिन, फिर से बारिश होने के बाद दुधावा बांध का जल स्तर बढ़ गया। बंदरों का झुंड टापू पर ही फंसा रह गया। टापू पर ये बंदर पेड़-पौधों की पत्तियां खाकर ही खुद को जिंदा रखे हुए थे। मछुआरों के एक दल ने टापू पर बंदरों को देखा, जिसके बाद उन्होंने धमतरी के जल संसाधन विभाग को सूचना दी थी।

11 नवंबर की रात वन विभाग को इन बंदरों के फंसे होने की सूचना दी। सूचना मिलने पर 12 नवंबर को क्षेत्र के वनकर्मी, रेंजर और ग्रामीण नाव के माध्यम से टापू में जाकर देखा गया तो बंदरों का झुंड वहां फंसा हुआ था।

जिनके लिए तत्काल वन विभाग ने गांव के लोगों के मदद से भोजन की व्यवस्था की गई थी और रोजना बंदरों के लिए वनकर्मी मोटर बोट के जरिये अमरूद, पपीता, सब्जियां आदि नियमित रूप से पहुंचा रहे थे।

बता दे बंदरों के लिए पुल बनाने के काम 20 मजदूरों व 18 वनकर्मियों को गया था। काम शनिवार को शुरू हुआ था। पुल को तैयार करने में 500 बांस, 200 बल्ली, 50 लोहे की पाईप और 30 किलो रस्सी का उपयोग किया गया है।