SPECIAL STORY: क्या सरकार के खिलाफ कितना आक्रोश रहा कि भाजपा की इतनी गंभीर पराजय हुई..

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रायपुर/मनोज कुमार साहू। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को 65 प्लस का टारगेट दिया था लेकिन नतीजा उलट आ गया। कांग्रेस 65 प्लस हो गई और बीजेपी की स्थिति काफी खराब हो गई आखिर ऐसी स्थिति क्या बनी कि लोगों ने इतनी बड़ी संख्या में कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया। नेता प्रतिपक्ष रहे टीएस सिंहदेव ने बातचीत में बताया था कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार अवश्य बनेगी तथा भाजपा और कांग्रेस के बीच में 15-20 का अंतर रहेगा उन्होंने यह भी कहा था यदि कांग्रेस की सरकार नहीं बन पाती है तो यह एक आश्चर्यजनक घटना होगी। टीएस सिंहदेव का यह पूर्वानुमान एकदम सटीक बैठा है।

पराजय होती है तो कई कारण हो जाते हैं

यह आम धारणा रही की रमन सरकार के खिलाफ लोगों में असंतोष नहीं है लेकिन उनके प्रतिनिधियों की कार्यप्रणाली से भाजपा के कार्यकर्ता सहित जनमानस भी परेशान रहे हैं और यही कारण रहा कि विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा संगठन 30 प्रतिशत अपने जनप्रतिनिधियों को बदलने का लगभग फैसला ले लिया था लेकिन टिकट वितरण के पश्चात भाजपा ने सिर्फ मामूली परिवर्तन किया नतीजा आज भाजपा की जबरदस्त पर आ जाए फिर उसके सामने आई। पराजित प्रत्याशियों का भी यही कहना है यदि भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी चयन में सावधानी रखती तो हार इतनी बड़ी नहीं होती। पराजित एक मंत्री का नतीजे आने से पहले यह कहना रहा कि भारतीय जनता पार्टी ने इस बार जो चुनाव लड़ा है वह अत्यधिक अव्यवस्थित रहा है यहां तक की प्रत्याशी चयन भी ठीक नहीं रहा है। इस पूर्व मंत्री का कथन नतीजे में साफ दिखाई दे रहा है।

हर के हित में काम फिर भी पराजय

रमन सिंह ने अपने तीन कार्यकाल में जिस तरीके से प्रदेश के विकास को गति दी है इससे इनकार नहीं किया जा सकता है लेकिन इस साल में संविदा नियुक्त कर्मचारियों ने जिस तरीके से नियमित करने की मांग को लेकर जबरदस्त आंदोलन चलाया था और उनमें जो असंतोष था संभवत वह भी नतीजे के रूप में परिवर्तित हो गया।

कर्ज माफी और समर्थन मूल्य भी कारण

कांग्रेस के घोषणापत्र में ₹2500 क्विंटल समर्थन मूल्य में धान खरीदने एवं कर्जमाफी करने के वादे ने जबरदस्त काम किया है। घोषणा पत्र के साथ ही किसानों ने धान बेचना बंद कर दिया था तभी से ऐसा लगने लगा था कि किसान कांग्रेस सरकार से कर्ज माफी और ₹2500 क्विंटल धान की कीमत लेना चाहते हैं। भाजपा के कार्यकर्ता भी इस बात को लेकर परेशान रहते थे। चाहे जो भी कारण बने कांग्रेस की इस जबरदस्त जीत ने सबको सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।

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