खरसियां से कोरीछापर के बीच पहली बार चली गुड्स ट्रेन.. 44 किमी की नई रेल लाइन का सफल परीक्षण…

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बिलासपुर 12 अक्टूबर, 2019 दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में महत्वपूर्ण रेल कारीडोर परियोजनाओं पर कार्य किए जा रहे है। इसी के अंतर्गत ईस्ट रेल परियोजना के प्रथम चरण में खरसियां से गरे पेलमा सहित धरमजयगढ़ तक 102 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा। इस परियोजना के अंतर्गत खरसियां से कोरीछापर तक 44 किलोमीटर लंबी रेल लाइन का निर्माण कार्य पूर्ण कर शुरुआती दौर में इस लाइन को मालगाड़ी के परिचालन के लिए अधिकारियों के निरीक्षण पश्चात फिट दिया गया है । 

  • इसी कड़ी में आज दिनांक 12 अक्टूबर, 2019 को इस नवनिर्मित रेल लाइन पर पहली मालगाड़ी का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया।
  • आज प्रातः 7.05 बजे खरसियां स्टेशन से 58 वैगन की एक खाली मालगाड़ी को कोरीछापर के लिए रवाना किया गया, जो कि 9.00 बजे कोरीछापर रेलवे स्टेशन पहुंची।
  • वापसी में इस मालगाड़ी में कोयला लोड कर दोपहर 13.40 बजे कोरीछापर स्टेशन से कुम्हारी स्टेशन के लिए रवाना किया गया जो कि दोपहर 15.35 बजे खरसियां स्टेशन पहुंची एवं आगे गंतव्य के लिए रवाना की गई। 

102 किमी रेल लाईन का होना हैं निर्माण

ईस्ट रेल कारीडोर परियोजना के अंतर्गत प्रथम चरण में खरसियां-घरघोड़ा-कोरीछापर- धरमजयगढ़ सहित घरघोड़ा से डोंगा महुआ, गरे पेल्मा तक 102 किलोमीटर नई रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है।  नई रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत खरसिया से धरमजयगढ़ तक  गुरदा, छाल, घरघोड़ा, कोरीछापर, कुरुमकेला, धरमजयगढ़, भालूमाड़ा एवं गरे पेलमा में 09 रेलवे स्टेशन बनाने की योजना है।

इस परियोजना के प्रथम चरण की वर्तमान अनुमानित लागत लगभग 3055 करोड़ है एवं इस परियोजना की कुल लागत का एसईसीएल.64%, इरकान.26%ए एवं  छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा 10% की राशि संयुक्त रूप से साझा की जा रही है। ईस्ट रेल कारीडोर परियोजना के दूसरे चरण के अंतर्गत धरमजयगढ़ से उरगा तक 62.5 किलोमीटर रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा।

इन रेल लाईनों के निर्माण से न सिर्फ माल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि छत्तीसगढ़ के सुदूर एवं रेल विहीन क्षेत्रों के निवासियों को रेल आवागमन की सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी। साथ ही इन क्षेत्रों में आर्थिक व सामाजिक विकास को भी एक नई गति मिलेगी।