पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने सर्वर का ठीकरा CM भूपेश पर फोड़ा, बोले- जनता ने आपको प्रदेश की बागडोर सौंपी थी.. लेकिन आपकी सरकार से एक सर्वर नहीं संभाला गया.. इधर ओपी चौधरी ने पूछे कई सवाल.. 

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रायपुर 1 मई, 2019। कल होने वाली पीपीटी और पीपीएचटी परीक्षा स्थगित कर दी गई है। इससे पूरे प्रदेश के छात्रों और अन्य राज्यों से आए छात्रों को भी बड़ा नुकसान हुआ है। कड़ी मेहनत से सालों से और कई महिनों से दिन रात एक कर तैयारी कर रहे छात्रों को एक दिन पहले बड़ा झटका लगा है। इसी बीच विपक्ष ने भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को घेरना शुरु कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने सर्वर का ठीकरा तो सीधा भूपेश बघेल पर फोड़ दिया। उन्होंने सोशल मीडिया में लिखा कि

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी जनता ने आपको प्रदेश की बागडोर सौंप थी और आपकी सरकार से एक सर्वर नहीं संभाला गया। पीईटी परीक्षा के लिए युवा दिन-रात मेहनत करते हैं, अगर थोड़ी गंभीरता से आप भी मेहनत कर लेते तो वे सर्वर ठीक होने की प्रतीक्षा की जगह परीक्षा की चिंता कर रहे होते।

इधर पूर्व कलेक्टर ओपी चौधरी ने सीएम भूपेश बघेल से कई सवाल किये है। उन्होंने लिखा कि आज के सवाल राजनीति के लिए नहीं ब्लकि व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए कर रहा हं। पढ़िए ओपी का सोशल मीडिया पर सवाल…

आदरणीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी

नमस्ते!

सर मैं प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था के संबंध में कुछ सवाल रखना चाहता हुँ। Sir, Messanger is not important,message is important .इसलिये मुझ पर ध्यान न देते हुए आप मुद्दों पर जरूर ध्यान दीजियेगा सर और प्रशासनिक दुरूस्ती के लिये कदम जरूर उठाइयेगा।मैं आज के सवाल राजनीति करने के लिए नही,बल्कि इसलिए कर रहा हुँ ताकि व्यवस्था दुरुस्त हो सके।

1/सर,व्यापम में ये क्या हो रहा है??हमारे बच्चों को समय पर प्रवेश पत्र क्यों उपलब्ध नही हो पाया??छत्तीसगढ़ के इतिहास में पहली बार परीक्षा से एक दिन पूर्व PET और PPHT की परीक्षा को निरस्त करना पड़ा है?? क्या यह बढ़ती प्रशासनिक अव्यवस्था का परिचायक नही है?परीक्षा में शामिल होने वाले युवाओं का हित सर्वोपरी है,लेकिन सवाल यह है कि हमारे युवा साथियों को ऐसी स्थिति का सामना क्यों करना पड़ रहा है??

2/विधान सभा मे हमारे छत्तीसगढ़ के 19 साल के इतिहास में पहली बार इस वर्ष अनुदान मांगों पर चर्चा इसलिये नहीं हो पायी क्योंकि प्रशासकीय विभाग विधान सभा मे विभागीय प्रतिवेदन प्रस्तुत नही कर पाये थे।क्या यह प्रशासनिक अव्यवस्था नही है?

3/DG पुलिस की तुलना में DG नक्सल 3 साल सीनियर हैं।इससे पुलिस प्रशासन में confusion की स्थिति निर्मित नहीं हो रही है??

4/क्या DG सर की नियुक्ति में माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना नहीं हुई थी, जिसके कारण सरकार ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय के सामने Inter Locatory Application( एक तरह का क्षमा पत्र ) क्या प्रस्तुत नहीं किया था??

5/कई जिलों ने 3 महीनों में 3-3 sp कलेक्टर नहीं देख लिया??



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