10 मार्च 2019 रायपुर। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए चरण पादुका खरीदी में अनियमितता की जांच की जाएगी। लघु वनोपज के संचालक मंडल की अनुशंसा के बाद सरकार ने लगभग 34 करोड़ रुपए इस प्रकरण के जांच के आदेश दिए हैं। बताया गया है कि इसके लिए जांच समिति का गठन दो-तीन दिन में किया जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, लगभग दस दिन पहले लघु वनोपज संघ के संचालक मंडल की बैठक आयोजित की गई थी। इसमे साल 2018 में तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए जूता-चप्पल खरीदी में अनियमितता पर भी चर्चा हुई थी। बताया गया है कि लगभग 12 लाख तेंदूपत्ता संग्राहकों को जूता-चप्पल दिया जाता है। इसके लिए लगभग 282 रुपए प्रति नग के हिसाब से जूता खरीदा गया था जबकि बाजार में उसी कंपनी का जूता 175 रुपए में उपलब्ध है। इस तरह खरीदी में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार होेने का अनुमान लगाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन भाजपा सरकार द्वारा तेंदूपत्ता संग्राहकों को जूता-चप्पल देने की योजना बनाई गई थी। इसके तहत एक साल पुरूषों को जूता आैर दूसरे साल महिलाआें के चप्पल दिया जाता था। लेकिन कांग्रेस ने सरकार में आते ही इस योजना को बंद कर दिया है। अब लाभान्वित लोगो के खाते में सीधे पैसे डालें जाएंगे। वन मंत्री मोहम्मद अकबर एवं प्रमुख सचिव वन सीके खेतान एवं लघु वनोपज संघ छत्तीसगढ़ के एमडी राकेश चतुर्वेदी इस विषय पर गंभीरता से विचार कर जांच कराने का निर्णय लिया है।