सहारा इंडिया ग्रुप की दो संस्थाओं पर जुर्माना.. 5 मामलों में 20 लाख की पेनाल्टी.. ये हैं मामला..

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दुर्ग। सहारा इंडिया ग्रुप को बड़ा झटका लगा है। ग्रुप के दो संस्थाओं पर जिला उपभोक्ता फोरम ने 20 लाख 50 का जुर्माना लगाया है। 5 अलग-अलग मामलों में यह जुर्माना लगाया है। दरअसल उपभोक्ता को परिपक्वता राशि का भुगतान समय पर नहीं रने के कृत्य को व्यवसायिक कदाचरण और सेवा में निम्नता मानते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने सहारा इंडिया ग्रुप की संस्था सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी पर तीन मामलों में 1978775 रुपये एवं सहारा इंडिया रियल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड पर दो मामलों में 72120 रुपये कुल मिलाकर 20 लाख 50 हजार 8 सौ 95 रुपये हर्जाना लगाया।

क्या है मामले

सहारा ग्रुप की संस्था सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी ने सेक्टर 6 भिलाई नगर निवासी अरुण जेना के लिए एकमुश्त फिक्स डिपॉजिट स्कीम के तहत चार खाते और डेली डिपाजिट स्कीम में चार खाते खोले जिसकी कुल परिपक्वता राशि 12 लाख 60 हजार 10 रुपये थी, परिपक्वता अवधि पश्चात संपर्क करने के बाद भी राशि वापस करने में संस्था ने हिला हवाला किया और परिपक्वता राशि नहीं लौटाई। साथ ही सेक्टर 2 भिलाई निवासी सरस्वती यादव से 5000 रुपये प्रति माह के हिसाब से 5 वर्ष में कुल रकम 3 लाख रुपये, सुपेला भिलाई निवासी नंदकिशोर सिन्हा से 60 माह में 78 हजार रुपये जमा कराये लेकिन समय अवधि पूर्ण होने पर इन्हें परिपक्वता राशि का भुगतान नहीं किया।

सहारा ग्रुप की अन्य संस्था सहारा इंडिया रियल एस्टेट कारपोरेशन लिमिटेड ने जेपी नगर भिलाई निवासी नरेंद्र मेश्राम को दो अलग अलग बॉण्ड जारी कर दिनांक 12 दिसंबर 2008 को 10-10 हजार रुपये 10 वर्षों के लिए जमा कराये, जिसमे परिपक्वता पश्चात 31 हजार 60 रुपये भुगतान योग्य थे लेकिन नियत तिथि पर उसे भी ब्याज सहित परिपक्वता राशि का भुगतान नहीं किया गया और नई पॉलिसी में पैसा जमा करने के लिए दबाव डाला गया।

अनावेदकगण का जवाब

5 में से 3 मामलों में सहारा ग्रुप की संस्था ने ये जवाब पेश किया कि परिवादी ने सोच-समझकर संस्था में राशि जमा की थी परिवादी सोसाइटी का सदस्य है इसलिए वह उपभोक्ता नहीं है। जबकि 2 मामलों में विलंब से जवाब प्रस्तुत करने के कारण संस्था पर हर्जाना लगाया गया जिसे अदा नहीं करने के कारण संस्था का लिखित जवाब स्वीकार नहीं किया गया।

फोरम का फैसला

प्रकरण में पेश दस्तावेजों के आधार पर जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने यह माना कि कोई भी व्यक्ति अपनी परिपक्वता राशि वापस लेने के लिए लंबे समय तक उदासीनता भला क्यों बरतेगा जबकि परिवादी ने अधिवक्ता से विधिक नोटिस भी जारी कर आई है, इसके बाद भी अनावेदक संस्थान अपने दायित्वों से विमुख बना रहा। यह प्रमाणित पाया गया कि परिपक्वता के बाद भी अनावेदकगण ने परिवादी को उसकी परिपक्वता राशि का मय ब्याज भुगतान नहीं किया जो कि व्यवसायिक कदाचरण एवं सेवा में निम्नता की श्रेणी में आने वाला कृत्य है।

जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये और लता चंद्राकर ने सहारा ग्रुप की कंपनियों पर 20 लाख 50 हजार 8 सौ 95 रुपये हर्जाना लगाया साथ ही परिपक्वता राशि पर 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा। सहारा ग्रुप के संस्थानों को निम्नानुसार हर्जाना राशि का भुगतान करने हेतु आदेशित किया गया :-

परिवादी- परिपक्वता राशि + मानसिक क्षति + वाद व्यय = कुल हर्जाना

1.अरुण जेना- 1398265 + 50000 + 1000 = 1449265

2.सरस्वती वर्मा- 388500 + 30000 + 1000 = 419500

3.नंदकिशोर सिन्हा- 101010 + 8000 + 1000 = 110010

4.नरेन्द्र मेश्राम- 31060 + 4000 + 1000 = 36060

5.नरेन्द्र मेश्राम- 31060 + 4000 + 1000 = 36060