12 फरवरी 2019, नई दिल्ली। फाइनेंस बिल (वित्त विधेयक) 2019 मंगलवार को लोकसभा में पारित हो गया है। लंबी चर्चा के बाद लोकसभा में ध्वनिमत से फाइनेंस बिल को पारित किया गया। वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने लोकसभा में इस बिल को पेश किया, जिस पर लंबी चर्चा हुई। लोकसभा में वित्त विधेयक 2019 पर चर्चा का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि कि सरकार गरीबों और मध्य वर्ग के लोगों की जरूरत को ध्यान में रखकर काम कर रही है और इसी के तहत आयकर नियमों में संशोधन किए जा रहे हैं। मंत्री के जवाब के बाद सदन ने कुछ संशोधनों को नकारते हुए ध्वनिमत से वित्त विधेयक 2019 को मंजूरी दे दी।
- बिल पर चर्चा के दौरान गोयल ने कहा कि उनकी सरकार किसानों, गरीबों और मध्यम वर्ग को समर्पित है।
- हमने अंतरिम बजट में कोई नया कर नहीं लगाया, वहीं पांच लाख रुपये तक की सालाना आय वाले लोगों को कर के दायरे से बाहर रखने के प्रस्ताव किया है, जिससे मध्यम वर्ग को राहत मिली है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि देश आज दुनिया में सबसे तेज गति से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था बना है।
- पिछले चार वर्षों के ट्रैक रिकार्ड से स्पष्ट है कि जितना हम अनुमान लगाते हैं, करीब करीब उतना हासिल भी करते हैं।
- जीएसटी से प्राप्त राशि के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमने इससे जुड़े कर संग्रह को ध्यान में रखने के साथ इस बात पर जोर दिया कि छोटे व्यापारियों एवं छोटे उद्योगों को कोई तकलीफ नहीं हो।
- बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस ने मोदी सरकार पर जनता से किए वादे ना निभाने का आरोप लगाया।
- लोकसभा में वित्त विधेयक-2019 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कहा कि पिछले 56 महीनों में सरकार ने सिर्फ सपने दिखाएं हैं।
- उन्होंने कहा कि आज बेरोजगारी अपने चरम पर है और देश कृषि संकट से जूझ रहा है।