Farmers protest: राहुल गांधी बोले- मोहन भागवत ने विरोध किया तो उनको भी आतंकी कहा जाएगा….

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर राष्ट्रपति से मिलने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि ये जो कानून बनाए गए हैं ये किसान विरोधी हैं। हमने आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और बताया कि इन नए कानूनों से किसानों,मजदूरों का नुकसान होने वाला है। उनको वापस लिया जाना चाहिए। राहुल ने कहा कि हमने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ज्ञापन सौंप दिया है, इसमें करोड़ों किसानों के हस्ताक्षर सौंपे गए हैं। हजारों किसान मजदूर जो धरने पर बैठे हैं, उनकी बात को सुना जाना चाहिए।

किसानों के पीछे पाकिस्तान, चीन और देशविरोधी ताकतें होने को लेकर दिए गए भाजपा नेताओं के बयान पर राहुल गांधी ने कहा कि इस देश में किसान ही नहीं जो भी सरकार और नरेंद्र मोदी का विरोध करेगा, वो आतंकी और देशद्रोही कहा जाएगा। राहुल ने कहा, ये तो किसान हैं अगर मोहन भागवत भी ये कहेंगे कि नरेंद्र मोदी ने इस काम को ठीक नहीं किया मैं विरोध करता हूं तो उनको भी आतंकी कह दिया जाएगा।
राहुल ने कहा, मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि किसान हटेगा नहीं, प्रधानमंत्री को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान, मजदूर घर चले जाएंगे। कोरोना पर भी मैंने चेताया था कि नुकसान होने वाला है, मेरी बात को नहीं सुना गया बाद में नुकसान सबने देखा। अब फिर प्रधानमंत्री से कह रहा हूं कि बहुत बड़ा नुकसान होने जा रहा है, इन कानूनों को वापस ले लीजिए। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री से संसद का संयुक्त सत्र बुलाकर इन तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की है।
राहुल गांधी ने ये भी कहा कि देश में लोकतंत्र नहीं बचा है। उन्होंने कहा, लोकतंत्र है कहां? किस देश की बात कर रहे हैं? भारत में तो सिर्फ बातों में और ख्यालों में लोकतंत्र बचा है। कांग्रेस सांसद ने ये भी कहा कि चीन सरहद पर बैठा है और नरेंद्र मोदी देश को कमजोर करने का फायदा उठा रहा है।
बता दें कि केंद्र सरकार तीन नए कृषि कानून लेकर आई है, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून के महीने से ही आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों को कहना है कि इन कानूनों से मंडी सिस्टम और पूरी खेती प्राइवेट हाथों में चली जाएगी, जिससे किसान को भारी नुकसान उठाना होगा। कांग्रेस और कई विपक्षी दल भी इन कानूनों को वापस लेने को कह रहे हैं।