29 मई 2019, भोपाल। 29 मई से एक बार फिर मध्य प्रदेश के किसान आंदोलन करने जा रहे हैं। दो संगठनों द्वारा अलग-अलग समय में चलने वाला ये आंदोलन आठ दिन तक चलेगा। भारतीय किसान यूनियन 29 मई से 31 मई तक और इसके बाद भारतीय किसान संघ एक से 5 जून तक हड़ताल करने का ऐलान किया है। इस बार भी किसानों ने अपनी उपज को मंडी तक नहीं पहुंचाने की घोषणा की है। इस दौरान दूध और सब्जी की सप्लाई भी नहीं होगी।
भारतीय किसान संघ ने कर्जमाफी, फसल का समर्थन मूल्य, फसलों के उचित दाम और स्वामीनाथन जैसी एक दर्जन मांगों को लेकर तीन दिवसीय प्रदेशाव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। आंदोलन के दौरान किसानों ने दूध, फल और सब्जी की आपूर्ति नहीं करने की घोषणा की है। जिसकी वजह से आम लोगों को खासी परेशानी हो सकती है।
भारतीय किसान यूनियन ने कहा है कि वे 29 मई से 31 मई तक हड़ताल करेंगे। जबकि राष्ट्रीय किसान, मजदूर संगठन एक जून से 5 जून तक हड़ताल करेगा। दोनों ही संगठनों का नेतृत्व किसान नेता शिवकुमार शर्मा (कक्काजी) कर रहे हैं। शिवकुमार शर्मा ने बताया कि उनका संगठन 29 मई को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनात से मुलाकात करेगा। भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा कि हड़ताल के दौरान किसान दूध की सप्लाई नहीं करेंगे और सब्जी भी मंडी तक नहीं पहुंचाई जाएगी।
किसानों की यह है मांग-
- स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू की जाए
- कृषि को लाभ का धंधा बनाया जाए
- मंडी में उपज सर्मथन मूल्य से नीचे दाम पर बिकने पर रोक लगे
- सरकार ने किसान कर्ज माफी स्पष्ट हो
- 2 लाख तक कर्ज माफी में सभी किसानों को समानता से राशि दी जाए
- फसल बीमा योजना में सुधार किया जाए
- मंडी में बेची गई उपज का दाम नकदी में किया जाए