रायपुर 16 अगस्त, 2019। छत्तीसगढ़ की हाई प्रोफाइल मौत के मामले में राज्य सरकार ने दोबारा जांच के आदेश दिए हैं। अब इस मामले को सरकार गंभीरता से ले रही है। यही वजह है कि जांच के आदेश के 2 दिन बाद सरकार ने रायपुर आई जी को जिम्मा सौंप दिया है। डॉ मिक्की मेहता की संदिग्ध मौत की जांच 9 बिंदुओं पर ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं।
छत्तीसगढ़ गृह विभाग के अवर सचिव डीपी कौशल ने जांच के नौ बिंदुओं का निर्देश आईजी रायपुर को भेजा है। उन्होंने कहा है कि पिछली जांच में इन नौ त्रुटियों को पाया गया है। दोबारा जांच में इनका ध्यान रखा जाए। मिक्की मेहता के परिजन उनकी हत्या का संदेह जताते रहे हैं। उन्होंने इसके लिए हमेशा निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता को ठहराया है। डॉ मेहता ने मुकेश गुप्ता से शादी की थी।
हम आपको बता दें कि दो दिन पहले ही पीएचक्यू ने मिक्की मेहता की मौत की दोबारा जांच के आदेश देते हुए इसका जिम्मा रायपुर आईजी आनंद छाबड़ा को सौंपा था। पिछली जांच में ये नौ गलतियां पाई गई हैं।
इन 9 गलतियों के कारण दोबारा हो रही जांच
1- प्रकरण की जांच कार्यपालिक दंडाधिकारी से नहीं कराई गई।
2-पूर्व में जांच रायपुर पुलिस की जगह दुर्ग पुलिस द्वारा की गई, जबकि ये उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था।
3-डॉ मिक्की द्वारा किस दुकान से जहर खरीदा था, यह उनका ड्रायवर नहीं बता पाया था।
4-रायपुर सरकारी मेडिकल कॉलेज में 4 वेंटिलेटर उपलब्ध थे, उन्हें पांच किमी दूर आईसीसीयू एंड क्रिटिकल सेंटर भी है, लेकिन डॉ मिक्की मेहता को वहां ना ले जाकर 40 कमी दूर बीएसपी अस्पताल क्यों ले जाया गया।
5-40 किमी दूरी को एक एंबुलेंस2 घंटा 10 मिनट में तय करती है।
6-एंबुलेंस के ड्रायवर का नाम पता ज्ञात नहीं था।
7-घटना स्थल का कोई नजरी नक्शा नहीं पाया गया।
8-विवेचना को करीब 5 माह रोका गया।
9-डॉ सलीम कैसर के मुताबिक उन्होंने सिविल लाइन थाना को लिखित सूचना दी, लेकिन इसका थाने में रिकॉर्ड नहीं पाया गया।