हमारी सोच में नहीं रहनी चाहिए दिव्यंगता: तलत शेख

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भिलाई। विश्व विकलांग दिवस पर प्रयास श्रवण विकलांग संस्थान सुपेला भिलाई में स्कूल की छात्र छात्राओं ने खेलकूद में अपनी प्रतिभाओं का परिचय दिया। इस मौके पर संस्थान की तलब शेख ने कहा कि दिव्यता निस्संदेह एक प्राकृतिक चुनौती है लेकिन अगर हमारी सोच में दिव्यता नहीं है तो दिव्यांगों हेतु बहुत कुछ संभव है। स्कूल की सुजाता जयराम अय्यर ने ने बच्चों को भरपूर प्रोत्साहित करते हुए पुरस्कार प्रदान किया एवं मिठाई दी।

प्रतियोगिताएं हुई

केजी क्लास के बच्चों के लिए कुर्सी दौड़ प्रतियोगिता हुई जिसमें पहला स्थान मुस्कान तांडी, दूसरा स्थान आरुषि तीसरा नमन कुमार को मिला। पहली और दूसरी क्लास के बच्चों बच्चों ने पेपर के गिलास को बॉल से गिराने की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया इसमें प्रथम प्रीति (कक्षा दूसरी) द्वितीय आस्था (कक्षा पहली) तृतीय दीपक (कक्षा दूसरी) पर स्थान पर रहे।

कक्षा तीसरी से कक्षा पांचवी तक के छात्र-छात्राओं ने स्ट्रा से 1 मिनट में फार्मोकोल  बॉल को उठाने की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया जिसमें पहला अंशुमान (कक्षा पांचवी) दूसरा ओम (कक्षा तीसरी) तीसरा रमेश (कक्षा पांचवी) विजयी रहे। कक्षा छठवीं एवं आठवीं के छात्र छात्राओं के लिए ए टू जेड अक्षर द्वारा शब्दों और चित्रों को क्रमबद्ध करने की प्रतियोगिता रखी गई। जिसमें प्रथम नागेंद्र (सातवी) दूसरा कुंदन (सातवी) तीसरा नम्रता (छठवीं ) विजय रहे। कक्षा 9वी कक्षा बारहवीं के छात्र छात्राओं के लिए विभिन्न अक्षरों से  5 मिनट में शब्द बनाना में हिस्सा जिसमें पहला पूजा लाखे (11वीं/ दूसरा सुमन पटेल (ग्यारहवीं) तीसरा खुशबू बानो (दसवीं)  विजयी रही।

इस मौके पर शिक्षक रेणु गुप्ता ने कहा कि दिव्यांगों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश की जाती है। शिक्षिका निकिता सोन पिपरे ने कहा कि दिव्यांगों को दया नहीं बल्कि प्रोत्साहित करने की जरूरत है उन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है। लतिका सोना ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को उचित मार्गदर्शन देकर समाज के मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है। प्राचार्य राजेश पांडे ने कहा किदिव्यांगों को इतना मजबूत बनाने की जरूरत है ताकि वे अपने पैरों पर खड़े होगा समाज की मुख्यधारा से जुड़ सकें और समाज का प्रमुख हिस्सा बन सकें।