डिजिटल मीडिया ने बनाया मीडिया को लोकतांत्रिक – प्रो. केजी सुरेश

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रायपुर 16 जनवरी, 2021। डिजिटल मीडिया के आने से मीडिया लोकतांत्रिक हुआ है। इसके फलस्वरूप मीडिया के क्षेत्र में रोजगार के व्यापक अवसर उभरे हैं। पत्रकारिता के क्षेत्र में आने वाले विद्यार्थियों के लिए विभिन्न विषयों में दक्षता हासिल करना चाहिए। यह विचार वक्ताओं ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग द्वारा आयोजित ओरियंटेशन कार्यक्रम में रखें। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के. जी. सुरेश ने कहा कि अब जमाना मल्टी टास्किंग का है। इसलिए विद्यार्थियों को सभी क्षेत्रों में दक्ष होने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टेक्स्ट के बजाय मीडिया में अब विजुअल पर जोर है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के क्षेत्र में बच्चे एंकरिंग के ग्लैमर को देखकर आते हैं। लेकिन एंकरिंग का कार्य काफी गंभीर एवं चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि आपको सफल होने के लिए किसी एक विषय पर विशेषज्ञता हासिल करना आवश्यक है। प्रो. सुरेश ने कहा कि अब जमाना भाषाई पत्रकारिता का है। अच्छा पत्रकार बनने के लिए भाषा पर पकड़ और समाज के प्रति संवेदनशीलता आवश्यक है। उन्होंने कहा कि मीडिया में सकारात्मक बदलाव आ रहा है। अब पाठक और दर्शक जागरूक है। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रुप में बोलते हुए वरिष्ठ टेलीविजन पत्रकार श्री राजेश बादल ने कहा कि कोरोना काल ने तकनीक को ज्यादा उपयोगी बनाया है। इस दौरान अधिकांश कार्य डिजिटल प्लेटफार्म पर पूरे हो रहे हैं। डिजिटल मीडिया के तेजी से होते प्रसार पर उन्होंने कहा कि मीडिया में सबसे बड़ा संकट कंटेंट और उसकी विश्वसनीयता का है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया एक नया अवतार है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता संस्थानों को अपने पाठ्यक्रम फील्ड की आवश्यकता के अनुरूप बनाने चाहिए। श्री बादल ने विद्यार्थियों को बायोपिक फिल्मों के निर्माण के क्षेत्र में आगे आने के लिए कहा। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित आइएनएच समाचार चैनल के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि हमें मीडिया की सकारात्मक शक्ति का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के साथ और अधिक विश्वसनीयता का संकट है। उन्होंने कहा कि आज जो पत्रकारिता को सम्मान प्राप्त है, वह पूर्ववर्ती पत्रकारों के समर्पित भाव से कार्य करने के कारण है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का आग्रह सत्य के प्रति है और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सत्य के प्रति आग्रह की समस्या अधिक है। उन्होंने कहा कि सत्य के साथ खड़े रहने पर ही विश्वसनीयता के संकट से उबरा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन दूसरों के लिए जीना ही पत्रकारिता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बलदेव भाई शर्मा ने की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पत्रकारिता शिक्षा के क्षेत्र में व्यवहारिक शिक्षा जरूरी है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता सामाजिक सरोकारों के लिए होना चाहिए। उन्होंने मीडिया में भाषा पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि भाषा का परिमार्जन जरूरी है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के मूल तत्व में नैतिकता जरूरी है और पत्रकार बनना एक सामाजिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमें उत्कृष्ट होना चाहिए और उत्कृष्टता से ही सफलता मिलती है। इस मौके पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विभाग के अध्यक्ष डॉ. नरेन्द्र त्रिपाठी ने कहा कि मीडिया फेक न्यूज़ और पेड न्यूज़ जैसी समस्याओं से जूझ रहा है। मीडिया में विश्वसनीयता का संकट बढ़ता जा रहा है। मीडिया की आचार संहिता को पुनः परिभाषित करने की आवश्यकता है। यह ऑनलाइन कार्यक्रम माइक्रोसॉफ्ट टीम एवं यूट्यूब प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष पंकज नयन पांडेय विज्ञापन एवं जनसंपर्क विभाग के अध्यक्ष डॉ. आशुतोष मंडावी, प्राध्यापक नृपेंद्र शर्मा, डॉ. राजेन्द्र मोहंती, उप कुलसचिव डॉ. ऋषि दुबे, अभिषेक कटियार सहित विश्वविद्यालय एवं संबद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। स्वागत भाषण एसोसिएट प्रो. शैलेन्द्र खंडेलवाल ने दिया।