13 मार्च 2019, रायपुर। सरकारी नीतियों की मीडिया में आलोचना करने वालों की अब खैर नहीं। डीजीपी डीएम अवस्थी ने अपने सभी अधिकारियों को सख्त निर्देश देते हुए इस संबंध में आदेश जारी किया है। बता दें यह आदेश सुकमा एसपी जितेंद्र शुक्ला और मंत्री विवाद के बाद जारी किया गया है। पहले मुख्यमंत्री भुपेश बघेल ने SP के ट्रांसफर के मामले में दो टूक कहा कि मंत्री को पत्र लिखने का अधिकार किसी एसपी को नहीं है।
- डीजीपी अवस्थी ने विभाग के तमाम अधिकारियों और इकाई प्रमुखों को आदेश जारी करते हुए कहा कि मीडिया-सोशल मीडिया में किसी प्रकार का प्रशासनिक पत्राचार व जनप्रतिनिधियों से कोई भी पत्राचार करते समये निर्धारित प्रशासनिक व्यवस्था का खास ध्यान रखें।
- एसपी ने पत्र लिखा, इसलिए उसका तबादला किया गया है।
डीजीपी ने अखिल भारतीय सेवा आचरण नियम 1968 का हवाला देते हुए कहा कि
- अखिल भारतीय सेवा के आचरण नियम 1968 के नियम 7 में स्पष्ट रुप से अखिल भारतीय सेवा के सदस्यों को किसी भी प्रकार का जन सामान्यो के संचार माध्यम एवं अन्य साधनों में किसी भी दस्तावेजों के प्रस्तुतीकरण या कथन को प्रतिबंधित करता है, जो केंद्र या राज्य शासन के सामयिक या वर्तमान नीति या कार्य की आलोचना करता हो।
- शासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों के द्वारा सोशल मीडिया के उपयोग संबंधी मार्गदर्शी निर्देश का कड़ाई से पालन किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है।