अपने काले कारनामे को छुपाने के लिए इस DFO ने पत्रकारों को अनपढ़ व असभ्य तक कह डाला…

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15 अप्रैल 2019, कोरिया। जिला मुख्यालय बैकुंठपुर के वनमंडल अधिकारी मनीष कश्यप अपने पद का इतना गुरुर हो गया है कि उन्होंने पत्रकारों को अनपढ़ व असभ्य कह डाला। इस भाषा का प्रयोग उन्होंने मौखिक ही नहीं बल्कि लिखित में भी किया है। अपने कारनामों को छुपाने के लिए कुछ प्रमुख समाचार पत्रों के पत्रकारों को डीएफओ ने अनपढ़ व असभ्य के साथ पैसा वसूली के उद्देश्य समाचार छापने का आरोप भी लगाया है।

  • दरअसल, हाल ही में कई समाचार पत्रों में आचार संहिता के दौरान उप वन क्षेत्रपाल सोहन राम मरावी के स्थानांतरण के साथ साजा पहाड़ में वन विभाग द्वारा बनाई जा रही सड़क निर्माण को रोके जाने संबंधी खबर का प्रकाशन हुआ था।
  • जबकि उप वनक्षेत्रपाल के स्थानांतरण संबंधी पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो रहा था।
  • इसके अलावा साजा पहाड़ के सड़क निर्माण के रोके जाने के संबंध में ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष लिखित शिकायत की थी।
  • खबर प्रकाशन के बाद युवा डीएफओ मनीष कश्यप ने अपने पद की गरिमा के विपरीत जाते हुए जिला जनसंपर्क अधिकारी कोरिया को पत्र लिखकर इन पत्रकारों को अनपढ़ ,असभ्य और पैसा वसूली वाला करार देते हुए उपरोक्त दोनों समाचारों के संबंध में अपनी सफाई भी पेश की है।
  • सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि डीएफओ ने अपने विभाग के उच्च अधिकारी को सफाई देने की बजाय जिला जनसंपर्क अधिकारी को अपनी सफाई पेश की है जो लोगों के समझ के परे है।
  • जब इस संबंध में डीएफओ मनीष कश्यप का पक्ष जानने के लिए उनके मोबाइल पर कॉल किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव करने की जहमत तक नहीं उठाई।
  • डीएफओ की जानकारी व समझदारी की दाद देनी पड़ेगी कि यदि लिखने वाला अनपढ़ है तो वह पत्रकार कैसे हुआ और यदि पत्रकार है तो अनपढ़ कैसे हुआ। शायद यही वजह है कि आवश्यकता से अधिक समझदार मनीष कश्यप आईएएस की बजाए आईएफएस बन गए

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