17 अप्रैल, 2019 भिलाई। बहुचर्चित अंत्यावसायी घोटाला मामले में 24 साल बाद फैसला आया है। जज मोहन सिंह कोर्राम की अदालत ने सभी आरोपियों को धारा 420, 467, 468, 471, 409 व 120 बी के तहत सजा सुनाई है। जिसमें आरोपियों को एक एक साल की सजा व प्रत्येक धारा में 500-500 रुपए की सजा सुनाई है। मामले में अधिकतर आरोपी रिटायर हो चुके है।
जानकारी के मुताबिक, जिला अंत्यावसायी सहकारी समिति में 19 लाख रुपए के घोटाले का खुलासा 1996 में हुआ। मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह तब दुर्ग के कलेक्टर थे। प्रकरण के मुताबिक जिला अंत्यावसायी विभाग ने हितग्राहियों को ऋण दिया था। राशि खुद ही आहरण कर लिए थे।
अब इन्हें जाना होगा जेल
मामले में पूर्व सीईओ नीलम चंद गजभिये, राज किशोर तिवारी, पीतांबर राम यादव, मानवेन्द्र चक्रवर्ती, शनिराम सुमन, केएसजी वर्गीस, मोमलाल, किसुन मेश्राम, मोहन अग्रवाल, मनोज सोनी, रवि उर्फ शेखर टंडन, संतोष यादव, सुदेश मराठे आरोपी है।